पार्टी में क्यों उधम मचाये हैं लालू के ‘लाल’, बना लिया अलग मोर्चा, छूट गए सभी के पसीने-

बिहार पर राज़ करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल क्या हुई कि पूरा परिवार ही बिख़र गया है. लालू के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव में बिलकुल भी बनती नहीं है ये सभी जानते हैं. मगर आज बात इतनी बढ़ गई है कि तेज प्रताप ने अपना एक अलग मोर्चा ही बना लिया है.

tej pratp yadav political journey launched lalu rabri morcha
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लालू यादव ने 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले ही अपने दोनों बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को राजनीति में लॉन्च किया था. और उस समय रैली में तेज प्रताप ने लालू के ही अंदाज में भाषण दिया था. तब ऐसा लग रहा था कि वो यादवों को साधने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा करते करते लालू के दोनों बेटे चुनाव भी जीत गए. जिसके बाद तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री और तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री बने थे. मगर कुछ लोगों का कहना है कि तब लालू यादव के इस फैसले से तेज प्रताप खुश नहीं थे.

इसी नाखुशी में धीरे धीरे समय बीतता गया और 2018 में तेज प्रताप यादव ने चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से शादी कर ली. मगर शायद ऊपरवाले को ये मंजूर न था और मुश्किल से 6 महीने बाद ही तेज प्रताप ने पटना सिविल कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी थी. जिसके बाद शादी टूट गई. और दोनों अलग हो गए. तेज प्रताप की पत्नी दिल्ली की पढ़ी लिखी हैं. और तेज प्रताप अक्खड़ बिहारी मिजाज के हैं. तेज प्रताप के ससुर का नाम चंद्रिका राय है. चंद्रिका राय लालू की पार्टी आरजेडी से विधायक हैं.

लालू प्रसाद यादव ने अपने दोनों ही बेटों को बड़ी शिद्दत के साथ पाला है. लेकिन कहा जाता है कि तेज प्रताप की तुलना में तेजस्वी यादव पिता लालू के ज्यादा करीबी हैं. और तेज प्रताप को मां राबड़ी देवी के करीब माना जाता है. वहीं अब राष्ट्रीय जनता दल में प्रत्याशियों को लेकर घमासान चरम पर पहुंच गया है. तेज प्रताप अपने ससुर चंद्रिका राय की सीट सारण से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

तेज प्रताप ने शुक्रवार से ही पार्टी में उधम काट दी. और राजद की छात्र विंग से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद पार्टी के बड़े बड़े नेताओं को पसीना आ गया. तेज ने ट्वीट कर लिखा- छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं.

नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं.

कौन कितना पानी में है सबकी है खबर मुझे.

इधर सोमवार को ही तेज प्रताप ने लालू-राबड़ी मोर्चा पार्टी का ऐलान कर दिया. ये सुनते ही मानों राष्ट्रीय जनता दल में भूचाल सा आ गया हो. मगर तेज ने मोर्चे के ऐलान के साथ ये भी कहा कि उनका मोर्चा और राजद एक ही पार्टी है. मगर तेज प्रताप शिवहर और जहानाबाद लोकसभा सीट की मांग को लेकर अड़ गए हैं. उनको ये दो सीटें चाहिए मतलब चाहिए.

तेज ने कहा- मैं एक बार स्टैंड ले लेता हूं तो पलटता नहीं हूं. मैं चुनाव लडूंगा और जीतूंगा. चंद्रिका राय को राजद से टिकट दिए जाने पर उन्होंने कहा कि सारण से किसी बाहरी व्यक्ति को टिकट क्यों दिया गया? हमारी इच्छा है कि मां राबड़ी देवी यहां से चुनाव लड़ें. यहां से मेरे पिता लालू प्रसाद कई बार चुनाव लड़कर जीते हैं. छपरा हमारी पारंपरिक सीट रही है. और महागठबंधन में कोई 3 सीट मांग रहा है तो कोई 5, मैंने 2 सीट मांगकर कौन सी गलती कर दी.

तेज प्रताप के इस तेवर से पार्टी के बड़े नेताओं की नाराजगी को देखते हुए लालू डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं. राबड़ी देवी भी अपने नाराज बेटे को समझाने में भी लगी हैं. लेकिन फिलहाल इसका कोई असर दिख नहीं रहा है. तेज प्रताप ने ‘लालू-राबड़ी मोर्चा नामक अलग संगठन बनाकर अपने चार उम्‍मीदवारों को उतारने की घोषणा कर दी है.

तेज प्रताप की कहानी में एक ट्विस्ट और देखने को मिला जब रविवार को बिग बॉस की फेमस कंटेस्टेंट अर्शी खान उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंची. अर्शी ने उनके तलाक के बारे में सवाल पूछा तो तेज ने कहा-नो कमेंट्स. अर्शी ने तेज से मुलाकात के बाद बताया कि सबकी अपनी पर्सनल लाइफ होती है और उनकी भी है, मेरी भी है. तेजप्रताप यादव मेरे दोस्त हैं और इस नाते मैं उन्हें राजनीति में सहयोग करुंगी. यानी ये मान सकते हैं की तेज को युवाओं का अच्छा सपोर्ट मिल सकता है.

सबने समझा लिया पर तेज अपनी बात पर अडिग हैं. अब वे कहाँ तक जाते हैं. ये आने वाले दिनों में सबके सामने होगा.

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