आ गई बुलेट ट्रेन की ‘छोटी बहन’, लम्बे सफ़र के बाद पहुंची दिल्ली
Ulta Chasma Uc : पहली स्वदेशी ट्रेन सेट टी-18 का रविवार को मुरादाबाद स्टेशन से ट्रायल शुरू हो गया है. ट्रेन टी-18 ट्रायल रन के दौरान सोमवार को शाम चार बजे नजीबाबाद रेलवे स्टेशन पहुंची. ट्रेन के स्टेशन पहुँचते ही उसको देखने के लिए लोगों का हुज़ूम लग गया. पन्द्रह मिनट रुकने के बाद ट्रेन शाम सवा चार बजे मुरादाबाद के लिए रवाना हो गई.

कुछ देर के लिए ट्रेन नगीना में भी रुकी जहां लोगों ने खूबसूरत ट्रेन को देखा और उसके साथ सेल्फी भी ली. लंबा सफर तय करने के बाद ट्रेन बुधवार को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन पहुंच गई हैं. अब यहाँ से इसका ट्रायल दिल्ली-मुरादाबाद सेक्शन पर होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के तहत इस ट्रेन का निर्माण इंडिया में ही किया गया है. इसमें अलग से इंजन नहीं है. ट्रायल के दौरान इसके 15 से 20 रन होंगे. पहले चरण में ट्रेन 30 किमी प्रतिघंटा, उसके बाद 60, 90 और फिर 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी.
ट्रेन में 16 कोच हैं. जिनमें 12 कोच एसी और दो कोच एग्जिक्यूटिव क्लास के हैं. इस ट्रेन को बनाने में करीब 18 महीने का समय लगा. मैम्बर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस ट्रेन को T-18 नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसे 2018 में बनाया गया है.

100 करोड़ की लागत से तैयार T-18 पहली इंजन रहित ट्रेन है. मेट्रो की तरह ट्रेन के दोनों तरफ ड्राइवर केबिन बनाये गए हैं, ताकि ट्रेन के इंजन को अपनी दिशा बदलने में कोई परेशानी न आये. ये ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है. इस T-18 ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन के अंदर सब कुछ देख सकता है. ट्रेन T-18 की सुरक्षा के लिए आरपीएफ व रेल कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. अगर ट्रायल सफल रहा तो टी-18 को शताब्दी की जगह पर चलाया जाएगा.
Web Title : T-18 first trial run of indian railways train
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