Swami Prasad Maurya : बंद हुआ राम चरित मानस का पाठ
पहले तो राम चरित मानस की ढोल गंवार शूद्र पशु नारी वाली लाइनों के खिलाफ स्वामी प्रसाद मौर्या ( swami prasad maurya ) डटकर खड़े हुए..उसके बाद तमाम बाबाओं ने उसकी सुपारी दे डाली..घर घर राम चरित मानस पर बहस होने लगी..उसके बाद योगी आदित्यनाथ ने नहले पर दहला चल दिया..ऐलान कर दिया..कि नवरात्र में सभी जिलों के जिलाअधिकारी रामायण का पाठ कराएंगे..इसके लिए हर जिले को एक एक लाख रूपए दे दिए..अब देखिए दोस्तों एक तरफ राम चरित मानस का विरोध है..दूसरी तरफ सरकार राम चरति मानस को सरकारी खजाने से प्रमोट कर रही है..योगी की ये चाल सीधे स्वामी प्रसाद मौर्या को चुनौती थी तो अब स्वामी प्रसाद मौर्या ने योगी की ये चुनौती स्वीकार कर ली है..
मौर्या खुले मंच से कर रहे हैं राम चरित्र मांस का विरोध
दोस्तों सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या ( swami prasad maurya ) रामचरित्र मानस की विवादित लाइनों का विरोध खुले मंचों से कर रहे हैं..स्वामी को शांत कराने के लिए उन पर हमले भी हुए..ब्राह्मणों के विरोध के बाद लगा कि शायद मौर्या ढीले पढ़ जाएँगे , लेकिन ऐसा नहीं हुआ…स्वामी प्रसाद मौर्या ( swami prasad maurya ) अपनी बात पार टांग अड़ा कर खड़े हुए हैं ….रामचरित्र मानस पर बवाल के बीच योगी सरकार ने रामनवमी से पहले मंदिरों और शक्तिपीठों में रामायण और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने के लिए सभी जिलों को एक एक लाख रुपये देने का एय्लन किया तो सवामी प्रसाद मौर्या ( swami prasad maurya ) ने इसपर योगी सरकार को घेर लिया …मौर्या से जब सरकार के इस फैसले पर सवाल किया गया तो वो बोले कि लोगों ने अब अपनी तरफ से रामचरित्र मानस का पाठ करना बंद कर दिया है , इसलिए अब सरकार रामचरित्र मानस का पाठ रहने के लिए मजबूर हो रही है और जो लोग रामचरित्र मानस का पढ़ करने की सोच रहे हैं वो इस देश की महिओं , अधिवाशियों और पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं !
धर्म विशेष को बढ़ाना देना संविधान के निर्देशों का उल्लंघन
मौर्या बोले किसी भी पंथ निर्पेक्ष और धर्मनिर्पेक्ष लोकतांत्रिक सरकार का एक धर्म विशेष को बढ़ाना देना संविधान के निर्देशों का उल्लंघन है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं , फिर एक ही धर्म को बढ़ावा क्यों ? सरकार सबकी है इसलिए अगर सरकार कुछ करना ही चाहती है तो अपने सरकारी कोष से जनता को पैसा दे ..
मौर्या ने कहा कि अगर सरकार विवादित रामचरित्र मानस का पढ़ करा है तो इसका मतलब यही है कि सरकार पिछड़ों और दलितों को अपमानित करना चाहती है !
दोस्तों …कुछ दिनों में रामनवमी और रमजान दोनों ही शुरू होने वाले हैं.. बीजेपी सरकार ने मंदिरों में पाठ कराने के लिए हर जिले में 1-1 लाख देने की बात कही है.. अब इसको लेकर ये माना जा रहा है कि ऐसा करके योगी सरकार विपक्ष पर, खासकर समाजवादी पार्टी को राम चरित मानस पर बैकफुट पर करना चाहती है..