प्रतिबंध होने के बाद भी ताजमहल में पढ़ी गई नमाज, अब बजरंग दल करेगा पूजा-पाठ
Ulta Chasma Uc : आगरा के ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. इसके बावजूद नियम का उल्लंघन करते हुए ताजमहल इंतजामिया कमेटी (टीएमआईसी) के सदस्यों ने मंगलवार को ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ी थी. जिसके बाद से मामला गरमा गया है और अब इस विवाद में बजरंग दल भी कूद पड़ा है. ताजमहल देखने के लिए पूरे विश्व से पर्यटक आते हैं. ऐसे में विवाद बढ़ने से दूर दराज से आये सैलानियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

बजरंग दल ने भी मामले में कूदते हुए ये ऐलान कर दिया है की अब वो भी यहाँ पूजा पाठ करेंगे. मामला सामने आने पर पता चला की नमाज़ पढ़ने के लिए ‘वजू टैंक’ (जहां नमाज पढ़ने से पहले नमाजी अपना शरीर साफ करते हैं) में रोजाना की तरह ताला बंद था. पर नमाजियों ने नमाज पढ़ने से पहले पीने के पानी से खुद को साफ किया. और फिर नमाज़ पढ़ने लगे. इस दौरान पुरातत्व विभाग के अधिकारीयों ने नमाजियों को खूब रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने, और में नमाज़ पूरी की. जिसके बाद मामला गरमा गया.
राष्ट्रीय बजरंग दल के विभाग अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों ताजमहल में आरती करने की घोषणा की थी तब तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. पर अब तो प्रतिबंध के बाद ताज के अंदर ही नमाज पढ़ी गई है तो अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है?

ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2018 को आदेश जारी किया था कि सिर्फ शुक्रवार यानी जुमा के दिन ही ताजमहल मस्जिद में नमाज अदा की जा सकती है. कोर्ट ने ये भी कहा था की सिर्फ स्थानीय लोग ही यहां नमाज अदा कर सहते हैं बाहरी लोगों को नमाज़ पढ़ने नहीं दिया जायेगा.

शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है, लेकिन नमाजियों के लिए दोपहर में दो घंटे के लिए इसे खोला जाता है. लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह कहीं नहीं लिखा है कि ताज के अंदर नमाज केवल जुमा ( शुक्रवार ) को ही पढ़ी जा सकती है. एएसआई सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है.
Web Title : supreme court violation namaj offered inside a mosque in taj mahal
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