माया को भारी पड़ गया हाँथी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लौटाने होंगे सभी हाथियों के पैसे
मायावती को सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को एक बड़ा झटका दे दिया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के शासनकाल में हुए स्मारक घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. जिसको सुन कर माया के पैरों तले ज़मीन ही ख़िसक गई है.

मालूम हो कि मायावती ने अपने शासनकाल में लखनऊ से नोएडा तक से लगभग सभी पार्कों में अपनी और पार्टी के चुनाव चिन्ह हांथी की मूर्तियां लगवाई थी. उसी को लेकर एक वकील ने कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसमें कहा गया है कि जनता के पैसों का इस्तेमाल अपनी मूर्तियां या राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने इसी पर आज अपना फैसला सुना दिया है.
कोर्ट ने कहा कि यह अस्थायी आदेश है कि मायावती को लखनऊ और नोएडा में अपनी और पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में लौटाना होगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारा अस्थायी तौर पर यह मानना है कि मायावती को अपनी मूर्तियां और पार्टी के चिह्न पर खर्च किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में वापस करना होगा. अब इस मामले की अंतिम सुनवाई 2 अप्रैल को होगी. पीठ ने कहा, ‘हम इस मामले पर अंतिम निर्णय 2 अप्रैल को लेंगे’
अभी हफ्ते भर पहले ही ईडी ने बीएसपी प्रमुख से जुड़े स्मारक घोटाले में राजधानी के सात ठेकेदारों व अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी और कई दस्तावेज जब्त किए थे. मायावती के इस घोटाले में 111 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप है.वर्ष 2007 से लेकर 2012 के बीच लखनऊ और नोएडा में पार्क और स्मारक बनवाए गए थे. इनमें अम्बेडकर स्मारक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन समेत अन्य पार्क हैं. इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग, नोएडा प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी ने करवाया था.