सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 21 दलों की पुनर्विचार याचिका, कहा- मूड नहीं है, पढ़ें पूरा मामला
21 छोटे बड़े दलों ने सुप्रीम कोर्ट से 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों को ईवीएम(EVM) से मिलाए जाने की मांग की थी. इसके लिए सभी ने मिलकर कोर्ट में याचिका लगाई थी. मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है.

आज मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वे मामले पर पुनर्विचार करने के इच्छुक नहीं है. हम अपने पुराने आदेश में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं. इतना कह कर कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी. कोर्ट ने इससे पहले प्रति विधानसभा 1 के बजाए 5 ईवीएम का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने का आदेश दिया था. इससे पहले हर विधानसभा के एक पोलिंग बूथ पर ही पर्चियों का मिलान होता था.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में चंद्रबाबू नायडू, डी राजा, फारूक अब्दुल्ला मौजूद थे, लेकिन कोर्ट ने बिना देरी करते हुए सिर्फ एक मिनट की सुनवाई मे ही पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. बतादें की इससे पहले भी 21 विपक्षी दलों ने इस व्यवस्था के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच से विपक्षी पार्टियों की 50% पर्चियों के मिलान की मांग पर सहमति नहीं बन पाई थी. बेंच ने कहा था कि इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत पड़ेगी, और बुनियादी ढांचे को देखते हुए ये मुमकिन नहीं लगता है.
नायडू के अलावा याचिकाकर्ताओं में केसी वेणुगोपाल, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, डेरेक ओ ब्रायन, फारूक अब्दुल्ला, शरद यादव, अजीत सिंह, दानिश अली और मनोज झा शामिल हैं. विपक्षी पार्टियों को लगता है की बीजेपी ईवीएम में धांधली न कर ले इसलिए सभी ने कोर्ट में कहा था की ईवीएम से वीवीपैट का मिलान एक के बजाए पांच ईवीएम प्रति विधानसभा करने से ये मात्र दो फीसद ही बढ़ा है. सिर्फ दो फीसद बढ़ने से कोई असर नहीं होगा.