पुलिस-CBI विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नहीं होगी राजीव कुमार की गिरफ्तारी
सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच चल रहे विवाद का आज तीसरा दिन है और आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत तीन जज की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआइ जांच में सहयोग करना चाहिए. इसके साथ ही कहा कि राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा है कि राजीव कुमार को मेघालय स्थित सीबीआई के ऑफिस में पेश होना होगा. अब अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया तुरंत ममता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये सही काम किया है. आखिरकार हमारी नैतिक जीत हुई है. और ये सिर्फ मेरी जीत नहीं बल्कि देश की जीत है, संविधान की जीत है. राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वे सीबीआइ के सामने पेश नहीं होंगे. ममता ने कहा, ”जब केंद्र ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को हाथ लगाया तो मैं सड़क पर नहीं आई. मुझे इस बात पर नाराजगी है कि केंद्र ने एक वरिष्ठ पद (कोलकाता पुलिस कमिश्नर) का अपमान किया.
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ममता बनर्जी के धरने पर बैठने को लेकर हमला बोला और कहा, आज पश्चिम बंगाल में सीबाआइ को जोर-जबरदस्तीकर एक अपराध की जांच करने से रोका जा रहा है. ये राज्य सरकार की ओर से संघीय ढांचे का अपमान है. जैसे ही ममता बनर्जी धरने पर बैठीं तो विपक्ष के तमाम नेता एक दम से इकट्ठा हो गए. तो क्या अब न्यू इंडिया को लूटखोरों का गिरोह चलाएगा?
कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मां मुन्नी देवी गुप्ता ने पुत्र के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई को गलत बताया था. उन्होंने कहा था कि राजीव कुमार ने योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया, इस वजह से उनके घर पर सीबीआई के छापा की कार्रवाई हुई है. उनका कहना है कि मेरा बेटा ईमानदार है.
ममता रविवार रात से ही मेट्रो चैनल, कोलकाता में ‘संविधान बचाओ’ धरना पर बैठी हुई हैं. आज उनके धरने का तीसरा दिन है. धरने पर बैठने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, मनसे के राज ठाकरे समेत 16 राज्यों के 21 दलों के नेताओं ने ममता का समर्थन किया है. दरअसल ममता सरकार में 40 हज़ार करोड़ रुपये का शारदा चिटफंड घोटाला हुआ था. जिसमें कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर उस घोटाले के दस्तावेज नस्ट करने और बात को दबाने का आरोप है.