UP में आंधी-तूफान का कहर, अबतक 14 लोगों की मौत, CM योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

यूपी में प्रचंड गर्मी के चलते आज मौसम ने पलटी मारी. और कई जगह तेज आंधी चली और ओलो के साथ झमाझम बारिश हुई. इससे लोगों को गर्मी से काफी राहत तो मिली मगर तेज आंधी और आकाशीय बिजली ने 14 लोगों की जान भी ले ली है.

storm rain and hail fall 14 people died in uttar pradesh cm yogi orders immediate relief victims
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खासकर पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों में आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ. यूपी के अलग-अलग जिलों में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले कासगंज में आंधी के चलते तीन लोगों की मौत हो गई है. वहीं, करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं. मरने वालों में एक महिला भी शामिल है. सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

एटा में भी तेज आंधी और बारिश में हुए हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है. मैनपुरी में सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत हुई है. सभी मृतकों के परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है. कई जगह पेड़ भी गिर गए हैं. घर की दीवारें गिरी हैं. आकाशीय बिजली गिरी है. बुंदेलखंड के महोबा में तेज आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी बीच बिजली का जर्जर तार धरम सिंह (35) पुत्र जगदीश सिंह के ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आंधी-तूफान से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. आंधी पानी से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को साफ़ निर्देश दिया कि जन हानि, पशु हानि एवं मकान क्षति से प्रभावित व्यक्तियों को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए. दैवी आपदा के मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराने को कहा है.

योगी ने सख़्त निर्देश देते हुए कहा है कि राहत कार्यो में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. फिलहाल, सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक राहत के आसार नहीं हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है और उनकी हर सम्भव मदद करेगी.

योगी ने कहा है कि राज्य आपदा मोचक निधि के दिशा निर्देशों के अनुरूप पीडि़तों को वित्तीय सहायता दी जाए. फसल क्षति का 48 घंटे के भीतर किसानवार सर्वे कराया जाए. जिन किसानों की बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, ऐसे प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किये जाएं.