प्रधानमंत्री के सामने श्रीलंका की संसद में चले लात-घूंसे, जमीन पर गिरे कई सांसद, देखें वीडियो:-
भारत की राजनीति में कई सियासी दंगल देखने को मिले होंगे पर क्या विदेशों में भी ऐसा होता है ? जी हाँ हम बात कर रहे हैं श्रीलंका की जहां संसद में लगी सभा देखते ही देखते एक कुश्ती अखाड़े में तब्दील हो गई. मामला था श्रीलंका के प्रधानमंत्री का, मंगलवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ था. गुरुवार को संसद में दोबारा से बातचीत के लिए सभा बुलाई गई.
स्पीकर कारू जयसूर्या के बयान पर हुआ बवाल
संसद में स्पीकर कारू जयसूर्या ने इतना ही कहा कि अभी देश में कोई सरकार नहीं है. कोई प्रधानमंत्री भी नहीं है, फिर चाहे वो राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त हों या पूर्व पीएम विक्रमसिंघे. बस इसी बात पर भड़के प्रधानमंत्री महिंदा ने दावा किया कि स्पीकर के पास ध्वनिमत से उन्हें पद से हटाने का अधिकार नहीं है. राजपक्षे ने कहा कि देश के इस राजनीतिक संकट को दूर करने का सबसे बेहतरीन तरीका दोबारा चुनाव कराना ही है.

अखाड़ा बन गया संसद
फिर क्या था विरोधी सांसद सदन के बीच में आकर नारेबाजी करने लगे, और आपस में भिड़ गए देखते ही देखते श्रीलंका की संसद अखाड़े में बदल गई और उनमें जमकर लात-घूंसे भी चलने लगे. मारपीट इतनी जोरदार थी की कुछ सांसद जमीन पर गिर रहे थे. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सांसद स्पीकर के ऊपर पानी बोतलें, किताबें और खाली कैन फेंक रहे थे. आधे घंटे तक चले इस युद्ध के बाद स्पीकर कारू जयसूर्या ने संसद को बर्खास्त कर दिया.

आखिर मामला क्या है मामला ?
श्रीलंका की राजनीति में भूचाल 26 अक्टूबर को आया था. उस दौरान राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने उस समय रहे प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की सरकार को बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह पर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बना दिया था. जिसके बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने संसद भंग कर दी और राजपक्षे को अपना बहुमत साबित करने के लिए वक्त दे दिया.
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राष्ट्रपति ने 5 जनवरी को आकस्मिक चुनाव कराने का फैसला दिया. जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने राष्ट्रपति के फैसले पर रोक लगा दी. पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने अपनी बर्खास्तगी को गलत बताया और प्रधानमंत्री आवास खाली करने से इनकार कर दिया.