सोनभद्र नरसंहार के बाद CM योगी को घेरने ज़मीन पर उतरे अखिलेश
सोनभद्र में 10 लोगों के नरसंहार के मामले में योगी सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर है. कानून व्यवस्था की लगाम मजबूती से पड़ने का दावा करने वाली यूपी की बीजेपी सरकार की 2017 के बाद सबसे बड़ी नाकामी है. एक ही दिन में 10 लोगों की लाशें खेत में बिछा दी गईं. फिर भी सरकार की तरफ से नाकाम बड़े अधिकारियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

सरकार ने मरने वाले के परिजनों को 5-5 लाख मुआवजा घोषित कर दिया. प्रियंका गांधी ने राशि डबल कर दी मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा घोषित कर दिया.
लोकसभा चुनाव हारने के बाद सन्नाटे में चली गई समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव फिर से एक्टिव हो गए हैं. हालांकि अखिलेश की समाजवादी पार्टी में वो पुराना दम नहीं दिख रहा है. हमेशा धरना प्रदर्शन और लाठी खाने में आगे रहने वाली समाजावादी सोनभद्र मामले में बहुत पीछे खड़ी नजर आई. अखिलेश ट्वीटर पर ट्वीट कर रहे थे. इतने में प्रियंका अखबारों की सुर्खियां और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरकर निकल गईं.
सोनभद्र हत्याकांड के बाद योगी जी ने कहा कि मामला कांग्रेस सरकार की देन था. कांग्रेस का बोया हुआ बीज नरसंहार का पेड़ बनकर खड़ा हो गया. मतलब ठीकरा विपक्ष पर इसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि..
उन्होंने लिखा “सरकार के पास हर बात का एक ही जवाब है: विपक्ष, विपक्ष की आड़ में क्या क्या छुपाएँगे मुख्यमंत्री जी? अपनी नाकामी से पर्दा हटाइये, असलियत पता चल जाएगी! और अगर सही में विपक्ष ही हर चीज़ के लिए ज़िम्मेदार है तो विपक्ष को हुकूमत करने दीजिए! सोनभद्र की घटना आप की घोर विफलता का सबूत है”
सरकार के पास हर बात का एक ही जवाब है: विपक्ष।
विपक्ष की आड़ में क्या क्या छुपाएँगे मुख्यमंत्री जी? अपनी नाकामी से पर्दा हटाइये, असलियत पता चल जाएगी! और अगर सही में विपक्ष ही हर चीज़ के लिए ज़िम्मेदार है तो विपक्ष को हुकूमत करने दीजिए!
सोनभद्र की घटना आप की घोर विफलता का सबूत है। pic.twitter.com/RlSLit7VRY— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 21, 2019
अखिलेश यादव ने इससे पहले एक ट्वीट में लिखा कि.. मैं चुनाव में जो कहता था वही आज भी यूपी में हो रहा है. जनता पुलिस को ‘ठोक’ रही है और पुलिस जनता को ‘ठोक’ रही है.. सोनभद्र का कांड पूरे प्रदेश की हालत बता रहा है. भाजपा सरकार को ये समझना चाहिए: अगर सामाजिक अस्थिरता रही तो आर्थिक स्थिरता नामुमकिन है”
मैं चुनाव में जो कहता था वही आज भी यू॰पी॰ में हो रहा है। जनता पुलिस को ‘ठोक’ रही है और पुलिस जनता को ‘ठोक’ रही है।
सोनभद्र का कांड पूरे प्रदेश की हालत बता रहा है। भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए:
अगर सामाजिक अस्थिरता रही तो आर्थिक स्थिरता नामुमकिन है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2019
तकनीक के साथ चलना ठीक है लेकिन समाजवादी कल्चर में ट्वीटर से बात टीवी चैनलों तक पहुंचती हैं. उन टीवी चैनलों तक जो अखिलेश का ट्वीट चलाते तक नहीं. अखबार में छप जाता है वो अलग बात है. समाजवादी पार्टी जमीन पर संघर्ष करने वाली पार्टी थी. जो विपक्ष जमीन पर जाकर लोगों के आंसू नहीं पोछ सकता वो विपक्ष किस काम है. हालांकि ये काम प्रियंका गांधी ने भखूबी किया है. इससे पहले भी अखिलेश ने ट्वीटर पर ट्ववीट किया और लिखा..
”अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भू-माफियाओं द्वारा ज़मीन विवाद के अंदर 9 लोगों की हत्या दहशत और दमन का प्रतीक! सभी मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवज़ा दे दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करे सरकार”
अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भू-माफियाओं द्वारा ज़मीन विवाद के अंदर 9 लोगों की हत्या दहशत एवं दमन का प्रतीक! सभी मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवज़ा दे दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करे सरकार।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2019
कोई भी सरकार नहीं चाहती कि उसकी सरकार में कोई दाग उसके दामन पर लगे. बीजेपी सरकार में विपक्ष को अब तक कोई बड़ा नहीं मिला था लोगों के साथ खड़े होने का लेकिन इस बार दुर्भाग्य से जब मिला तो प्रियंका के अलावा ना तो शिवपाल कहीं खड़े दिखे ना अखिलेश ना पीला गमछा धारी पिछड़ों के स्वघोषित मसीहा राजभर.