सुरेंद्र की हत्या में पुलिस का नया खुलासा, स्मृति बोलीं- फांसी दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का किला अमेठी ढहाने वाली बीजेपी की दिग्गज नेता और मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी और उनके लिए प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुरेंद्र सिंह की हत्या में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है.

छानबीन में पता चला कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर मृतक सुरेंद्र की गांव के दो लोगों से नहीं बनती थी. इनमें एक गांव का रामनाथ गुप्ता है और दूसरा 2015 में बीडीसी चुना गया रामचंद्र पासी प्रमुख था. रामनाथ गुप्ता अपने भाई की मदद से गांव के प्रधान पद पर काबिज होना चाहता था तो वहीं रामचंद्र भी आगामी चुनाव में ग्राम प्रधान बनने का सपना देख रहा था.
सुरेंद्र ने लोकसभा चुनाव में स्मृति की जीत में अपना पूरा योगदान दिया और जीत के बाद शुक्रवार को सुरेंद्र ने गांव में एक बड़ा आयोजन करवाया था. इस जश्न के दौरान भी उनकी बीडीसी रामचंद्र पासी से झड़प हो गई थी. अनुमान लगाया जा रहा है की इसी रंजिश के चलते सुरेंद्र सिंह को गोली मार दी गई. बदमाशों ने घटना को अंजाम उस वक्त दिया जब पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह अपने घर के बाहर सो रहे थे. गोली लगने के बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया. अमेठी से लखनऊ जाने के दौरान रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
सुरेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र की तहरीर पर बीडीसी रामचंद्र पासी, रामनाथ गुप्ता के साथ ही गांव के ही नसीम-वसीम और फुरसतगंज थाने के पीढ़ी गांव निवासी अतुल सिंह ऊर्फ गोलू के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की है. नामजद अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए कई पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं. जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा.
स्मृति ईरानी अमेठी पहुंची और मृतक सुरेंद्र के परिजनों से मुलाकात की और सुरेंद्र के शव को कंधा भी दिया. उसके बाद उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून की मर्यादा में न्याय होगा. हत्यारा अगर पाताल में भी है, उसे पकड़ा जाएगा. जिसने गोली चलाई और चलवाई दोनों को फांसी दिलाने के लिए जरूरत पड़ने पर मैं खुद सर्वोच्च न्यायालय तक जाऊंगी. 23 तारीख को मुझे अमेठी प्यार से संभालने का मैसेज दिया गया था. वो मुझे आज मिल गया है.