18 सांसदों के साथ उद्धव ठाकरे ने किए रामलला के दर्शन, कहा- PM मोदी जल्द बनवाएं राम मंदिर
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन करने के लिए शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच गए हैं. उन्होंने यहां अपने 18 सांसदों के साथ रामलला के दर्शन किये. इस बार उनका दौरा केवल ढाई घंटे का ही है.

संतों ने परिसर में उद्धव ठाकरे के पहुंचने पर माला पहनाकर उनका का स्वागत किया. इस दौरान शिवसेना सांसदों ने ‘देखो, देखो कौन आया शिवसेना का शेर आया…’ के नारे लगाए. शिवसेना के सभी सांसद शनिवार देर रात ही अयोध्या पहुंच गए थे. और वे सभी पंचशील होटल में रुके थे. जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया और फिर आज रविवार सुबह शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के साथ राम लला के दर्शन किये. सात महीने में दूसरी बार उद्धव ठाकरे अयोध्या आये हैं. इस दौरान उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी साथ रहे.
दर्शन करने के बाद उद्धव ने पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द राम मंदिर बनवाने की मांग की है. उन्होंने ने मोदी पर विश्वास जताते हुए कहा कि अब मंदिर निर्माण में देरी की गुंजाइश नहीं है. उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले संसद अधिवेशन के बाद सकारात्मक परिणाम मिलेगा.
राम लला के दर्शन के पहले सांसदों ने कहा था कि वे रामलला के धरती पर आकर खुद को धन्य मानते हैं, सुबह उठते ही राम जन्म भूमि का दर्शन करने की व्याकुलता है. सांसद संजय यादव ने कहा कि वे पहले भी रामनगरी आ चुके हैं. रामलला का दर्शन करने की सभी सांसदों में तीव्र इच्छा हो रही है. सभी श्री राम जन्म भूमि का दर्शन करना चाहते हैं. बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने ये शिवसेना ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत का हिंदू समाज चाहता है.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इससे पहले 24 नवंबर को पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य के साथ दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे थे. तब उन्होंने सरयू की आरती और तिरपाल में बैठे रामलला के दर्शन किए थे. उस समय सरकार पर तंज कसते हुए उद्धव ने कहा था कि चुनाव में सब राम-राम करते हैं, फिर आराम करते हैं. 2019 में सरकार बने या नहीं बने, लेकिन मंदिर जरूर बनना चाहिए. केंद्र सरकार अध्यादेश लाए, हम मदद करेंगे.
शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में ही राममंदिर बनेगा। राम मंदिर मामले पर भाजपा ही रूपरेखा तय करेगी, हम केवल घटक दल हैं. रामलला हमारे लिए राजनीति का नहीं, बल्कि आस्था का विषय हैं. मंदिर का नारा न तो शिवसेना भूली है और न ही आरएसएस, विहिप और भाजपा भूली है.