शिवपाल की पार्टी नहीं लड़ेगी यूपी विधानसभा उपचुनाव, अब इन तीन पार्टियों में होगी टक्कर
अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने एक बड़ा फैसला लिया है. शिवपाल कि पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) खुद को विधानसभा उपचुनाव से दूर रखेगी.

पार्टी का कहना है कि वो विधानसभा उपचुनाव लड़ने के बजाए खुद को संगठन के तौर पर मजबूत करेगी. वहीँ अलबत्ता पार्टी युवाओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के लिए शिवपाल की पार्टी ने छात्रसंघ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि पार्टी ने सोचसमझ कर उपचुनाव न लड़ने का फैसला किया है. पार्टी का लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव है. पार्टी कार्यकर्ता उस चुनाव के लिए तैयारियां अभी से करेंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटें रिक्त हैं. इन पर अगले महीने विधानसभा उपचुनाव होने की संभावना है.
प्रसपा ने आगरा के भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसके लिए पार्टी अपना पैनल उतारेगी. प्रसपा और विश्वविद्यालयों में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारेगी. माना जा रहा है कि छात्रसंघ राजनीति के जरिए शिवपाल युवा वर्ग को जोड़ना चाहते हैं. बतादें की लोकसभा चुनाव में पूरा विपक्ष बड़ी बुरी तरह से हारा है दिग्गज नेता भी अपनी सीट नहीं बचा पाएं. इसलिए शिवपाल पहले अपना संगठन मज़बूत करना चाहते हैं.
अब शिवपाल के पीछे हटने के बाद यूपी विधानसभा उपचुनाव भाजपा के अलावा सपा, बसपा भी मजबूती से लड़ने की तैयारी में हैं. इस बार सपा-बसपा भी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं. इससे ये लग रहा है कि इस बार विधानसभा उपचुनाव भी टक्कर वाले होंगे.
उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसमें टुंडला, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर (कानपुर), मानिकपुर, बलहा, गंगोह, इगलास, प्रतापगढ़, जलालपुर, रामपुर, हमीरपुर शामिल है. इसमें पांच सीटें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही हैं. ये सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं. इन सीटों पर ज़्यादातर बीजेपी का कब्जा था. अब देखना है कि कौन बाज़ी मारता है.