शिवसेना ने की ‘बुर्का बैन’ करने की मांग, साध्वी प्रज्ञा ने किया समर्थन, ओवैसी ने निकाली भड़ास
अभी हालही में श्री लंका में 7 सीरियल बम ब्लास्ट हुए हैं जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद वहां आपातकाल घोषित कर दिया था. और अभी 2 दिन पहले ही वहां बुर्का बैन कर दिया गया है. अब उसकी मांग भारत में भी उठ गई है.

बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भारत में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उसने अपने मुखपत्र सामना में ये मांग की है. सामना में लिखा कि सीरियल बम धमाकों के बाद श्रीलंका में बुर्का और नकाब सहित चेहरा को कवर करने वाली हर चीज पर बैन लगा दिया गया है. वहां की सरकार ने ये निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लिया है. हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी को भी श्रीलंका के राष्ट्रपति के कदमों पर कदम रखते हुए हिन्दुस्तान में भी बुर्का और नकाब बंदी करें, हम ऐसी मांग राष्ट्रहित के लिए कर रहे हैं.
शिवसेना की इस मांग पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि महिलाएं कोई भी कपड़ा पहन सकती हैं, बुर्का क्यों नहीं? शिवसेना ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. शिवसेना ने देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की है. देश की मुस्लिम महिलाओं की पसंद है बुर्का. ओवैसी ने शिवसेना से पूछा, ‘क्या हिंदू महिलाओं के घूंघट पर भी रोक लगाओगे?’
इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने बयान में कहा कि बुर्का पहनने वाली सभी महिलाएं आतंकवादी नहीं होती हैं. अगर वे आतंकवादी हैं, तो उनका बुर्का हटाना चाहिए. हालांकि, बुर्का पहनना एक ट्रेडिशन है और मुस्लिम महिलाओं को इसे पहनने का अधिकार है. शिवसेना की इस मांग से सहमत नहीं हूं और प्रधानमंत्री भी उनकी ये मांग स्वीकार नहीं करेंगे.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने देश में बुर्के पर प्रतिबंध को लेकर कहा कि ‘मुझे लगता है देश सर्वोपरी होना चाहिए. अगर किसी कारण से आतंकवादी इसका लाभ उठाते हैं और देश को हानि पहुंचती है, लोकतंत्र को हानि पहुंचती है तो हमें हमारी कुछ परंपराओं में ढील देनी होगा. एयरपोर्ट पर जब जांच होती है तब तो कोई कुछ नहीं कहता. विदेशों में निर्वस्त्र कर जांच की जाती तब भी आप कुछ नही बोलते हैं. ऐसी जगह आप यह सब कर लेते है. चुनाव के समय देश के लिए ये निर्णय लेना चाहिए.