पुलिस को बचाने के लिए धरने पर क्यों बैठी हैं ममता दीदी, क्या है शारदा चिटफंड घोटाला ?

कोलकाता में इस वक्त सियासत गर्माई हुई है. शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर गंभीर आरोप हैं. घोटाले में फाइलों को दबाने और सुबूत मिटाने के आरोप हैं. और उसी की पूछताछ करने सीबीआई टीम के 5 अफसर कोलकाता पहुंचे थे. मगर वहां मामला उल्टा पड़ गया.

sharda chitfund scam mamata-banerjee save the constitution dharna
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सीबीआई टीम जब पुलिस कमिश्नर के पास पूछताछ के लिए पहुंची. और वहां सीबीआई द्वारा वारंट या कोई अन्य आदेश नहीं दिखा पाने के कारण स्थानीय पुलिस के साथ उनकी हाथापाई हुई. फिर इस बात की खबर लगते ही सीएम ममता बनर्जी, डीजीपी व अन्य आलाधिकारियों संग कमिश्नर के घर पहुंची और इसके बाद उल्टा सीबीआई के पांचों अफसरों को वहीं गिरफ्तार कर लिया. लेकिन कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

जिसके बाद बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले पर ममता पर तंज कस्ते हुए ट्विटर पर लिखा कि सीबीआई एक संवैधानिक संस्था है. कमिश्नर के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी, लेकिन ममता सरकार ने उसे रोक दिया. इससे पहले उन्होंने कहा था कि कही इन कमिश्नर साहब ने तो आपके एवं आपकी पार्टी द्वारा किये गए 40000 करोड़ के चिटफंड घोटाले की फ़ॉइलो को दबाने में मदद तो नही की है? बिना कारण के CBI जैसी उच्चराष्ट्रीय संस्था की कार्यवाही के चलते इन साहब को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने की क्या जरूरत आन पड़ी?

ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा- अब हमारा धैर्य जवाब दे रहा है. पूरा देश नरेंद्र मोदी से परेशान है. बीजेपी चोर पार्टी है, हम नहीं. मैंने 19 को कोलकाता में विशाल रैली की थी, जिससे वे लोग घबरा गए हैं. रैली के बाद से ही वे लोग पीछे पड़ गए हैं. देश में आपातकाल से भी बुरा हाल है. नरेंद्र मोदी बदले की राजनीति कर रहे हैं. राजीव कुमार सबसे बेहतरी अधिकारी हैं.

थोड़ी देर बाद ममता ने पीएम मोदी पर वार करते हुए धरने पर बैठने का एलान कर दिया और तब से ममता मेट्रो चैनल, कोलकाता में ‘संविधान बचाओ’ धरना पर बैठी हुई हैं. धरने पर बैठने के बाद कई राजनीतिक दलों से उनको समर्थन भी मिला है. सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भी ममता को समर्थन दिया है.

ये धरना नहीं ममता की चाल है

क्या आप जानते हैं की आखिर सीएम होकर ममता पुलिस को क्यों बचाने में लगीं हैं. क्युकी उनका ये घोटाला सामने आने से उनके पीएम बनने के सपने पर ग्रहण लग सकता है. जो लगभग सीबीआई ने लगा ही दिया है. पहले ही इस घोटाले में ममता के 5 सांसदों का नाम भी आ चुका है. और सबसे बड़ी बात की कुछ ही दिनों बाद बंगाल और केंद्र दोनों में चुनाव है. अब ऐसे में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने कुछ भी बोल दिया या सबूत दे दिए तो ममता का पीएम बनने के सपने के साथ कही न कही राज्य की सत्ता भी उनके हाथ से निकल सकती है. इसलिए ममता सबको बचाने के लिए धरने पर बैठ गईं हैं.

आखिर क्या है घोटाला ?

शारदा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल का एक बहुत बड़ा आर्थिक घोटाला है, जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की भी खबर है. मामला ये है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों लुभावने ऑफर दिए थे. कंपनी की ओर से रकम को 34 गुना करने का वादा किया गया था. जिसके बाद कई लाख लोगों ने करीब 40 हजार करोड़ रुपये इस कंपनी में जमा किये. मगर कंपनी ने सभी लोगों से पैसे ठग लिए. सभी के पैसों का हेर-फेर कर दिया गया.

इस कंपनी की स्थापना जुलाई 2008 में की गई थी. कंपनी के मालिक सुदिप्तो सेन ने ‘सियासी प्रतिष्ठा और ताक़त’ हासिल करने के लिए मीडिया में खूब पैसे लगाए और हर पार्टी के नेताओं से जान पहचान बढ़ाई. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल कर दावा किया गया है कि चिट फंड घोटाले में घिरे शारदा ग्रुप की कंपनियों से उन्हें 1.4 करोड़ रुपये मिले है.

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि “भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और सीबीआई के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आज़ादी ख़तरे में है, उसके ख़िलाफ़ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं. आज देश भर का विपक्ष और जनता अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट है.”

लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि “देश का आम आवाम भाजपा और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती सीबीआई के ख़िलाफ़ है. हम ममता जी के साथ खड़े हैं. तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है. लोकतंत्र पर सबसे बड़ा ख़तरा. संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट. चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश.

सीबीआई के अंतरिम चीफ एम नागेश्वर राव ने कहा- राजीव कुमार के खिलाफ सबूत थे कि न्याय को प्रभावित करने और सबूतों को नष्ट करने में उनका रोल था. हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर घोटाले की जांच कर रहे थे. ममता के धरने पर बैठने के साथ ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में प्रदर्शन शुरू कर दिए.

सोमवार को मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया. सीबीआई ने इस मामले में शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर दी है. जांच एजेंसी ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सबूत नष्ट कर सकते हैं. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बड़े ही सख़्त लहजे में कहा- अगर वे ऐसा ख्याल भी लाएं तो हमें सबूत देना, हम उन पर ऐसी सख्त कार्रवाई करेंगे कि उन्हें पछताना पड़ेगा. जांच एजेंसी ने कोर्ट को रविवार रात हुए घटनाक्रम के बारे में बताया. अब कोर्ट कल मंगलवार को आगे की सुनवाई करेगी.

बढ़ सकती है ममता की परेशानी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी द्वारा तैयार एक गोपनीय रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई है. इस रिपोर्ट से ममता की परेशानी बढ़ सकती है. क्युकी उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कल रात हुई घटना की पूरी जानकारी दी है और पुलिस की पूरी गलती बताई है. अब बस सभी को कल कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है. ममता बनर्जी का धरना ज़ारी है और धरनास्थल पर ही राज्य की कैबिनेट की बैठक की. राज्य की संसद को भी सम्बोधित किया.

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