अलगाववादी नेता ‘यासीन मलिक’ गिरफ्तार, अनुच्छेद 35-ए पर होनी है सुनवाई, जानिए क्या है ये-
पुलवामा हमले के बाद जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार रात जेके एलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस उसे गिरफ्तार कर कोठीबाग थाने ले गई. इसके बाद देर रात सेंट्रल जेल भेज दिया गया.

यासीन मलिक के साथ जमात ए इस्लामी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है. यासीन मलिक को मायसूमा स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया है. जानकारी के मुताबिक अनुच्छेद 35-ए पर 26 फरवरी के आस-पास सुनवाई प्रस्तावित है. इसी वजह से एहतियातन यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच घाटी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
यासीन मलिक को आज शनिवार को राज्य से बाहर भेजा जा सकता है. ये बताया जा रहा है कि सरकार अलगाववादियों पर सख्ती कर रही है. इस वजह से गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. गिरफ्तारी से पहले बुधवार को यासीन मलिक की सुरक्षा राज्य सरकार ने छीन ली थी. जिसे यासीन मलिक ने झूठ करार दिया था. मलिक ने कहा कि उन्हें राज्य से कभी कोई सुरक्षा नहीं मिली. मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरे पास पिछले 30 सालों से कोई सुरक्षा नहीं है. ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं.
उधर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी लीडर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर इस हिरासत का विरोध किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठनों के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. ऐसा मनमाना कदम समझ से परे है, जिससे राज्य में स्थितियां बस बिगड़ेंगी ही. किस कानूनी आधार पर इनकी हिरासत वैध है? आप किसी शख्स को गिरफ्तार कर सकते हो, उसके विचारों को नहीं.’
यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद घाटी में शुक्रवार की देर रात यह भी चर्चा शुरू हो गई है. कोई समस्या उत्पन्न न हो इससे निपटने के लिए ही जम्मू से सीआरपीएफ की 100 कंपनियां भेजी जा रही हैं. इसमें सीआरपीएफ की 45, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल हैं.
क्या है 35-ए ?
- जम्मू एवं कश्मीर के बाहर का व्यक्ति राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता.
- दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति यहां का नागरिक नहीं बन सकता.
- राज्य की लड़की किसी बाहरी लड़के से शादी करती है तो उसके सारे अधिकार समाप्त हो जाएंगे.
- 35-ए के कारण ही पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थी अब भी राज्य के मौलिक अधिकार तथा अपनी पहचान से वंचित हैं.
- जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे लोग जिनके पास स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं है, वे लोकसभा चुनाव में तो वोट दे सकते हैं लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दे सकते हैं.