अखिलेश की वजह से बसपा आज ज़िंदा है, वर्ना ज़ीरो ही रहती: सपा विधायक
एक तरफ मायावती लोकसभा में हार का ज़िम्मेदार सपा को बता रही हैं और बार बार गठबंधन पर सवाल खड़े कर रही हैं. तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेता भी अब मायावती को जवाब देने लगे हैं.

फिरोजाबाद के सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव ने माया के बयान पर कहा है कि ये तो होना ही था. सपा-बसपा गठबंधन की उम्र पहले ही लोगों को मालूम थी. लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन की गलती समाजवादी पार्टी को भारी पड़ गई. बसपा ने सपा का साथ नहीं दिया है. सपा से गठबंधन करके ही बसपा जीवित हो गई और सपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा. अगर सपा अकेले ही चुनाव लड़ती तो कम से कम 25 सीट जीत कर प्रदेश में दूसरे नंबर की पार्टी होती और बसपा पिछले चुनाव की तरह शून्य पर ही रहती.
उन्होंने आगे कहा कि मायावती का ये आरोप गलत है. यादव बिरादरी धोखा नहीं देती. हमने रामलीला मैदान में आयोजित रैली में ही घोषणा कर दी थी कि चुनाव बाद ये बेमेल गठबंधन टूट जाएगा. जैसा कहा था वैसा ही हुआ. हरिओम यादव ने ये तब कहा जब कल सोमवार को मायावती ने सपा पर आरोप लगाया था की सपा का वोट बसपा को नहीं मिला और इसलिए वे अकेले चुनाव लड़ेंगी.
वहीं आज मायावती ने फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं. माया ने कहा कि अखिलेश और डिम्पल से रिश्ते कभी खत्म नहीं हो मैंने हमेशा यही कोशिश की है. समाजवादी पार्टी में भीतरघात हुआ है जिसके फलस्वरूप उनके मजबूत उम्मीदवार हार गए. वोट नहीं मिलने के कारण ही डिंपल यादव, अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा है.
जब सपा को ही यादवों का वोट नहीं मिला तो बसपा को उनका वोट कैसे मिला होगा. इसलिए अब इस गठबंधन पर रोक लगाई जा रही है. अगर हमें लगेगा की अखिलेश अपने राजनीतिक कार्यों और अपने लोगों को मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो हमलोग मिलकर जरूर आगे एक साथ फिर से चुनाव लड़ेंगे.