सामने आया ‘सपा की हार’ का बड़ा कारण, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट-

समाजवादी पार्टी क्यों हारी ? इस पर मंथन चल रहा है. आज आपको एक सच्चाई बताने जा रहे हैं. हम पिछले 5 महीने से जमीन पर हैं. अब आप हमारा मंथन भी सुन लीजिए. हमारी बात कड़वी लगे तो माफ कीजिएगा. लेकिन दवाई कड़वी ही असर करती है.

samajwadi loss loksabha election 2019 intresting fackts
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पहली बात करते हैं नरेश उत्तम पटेल की जमीन पर लोग इनका नाम ही नहीं जानते हैं. क्या आप जानते हैं ? क्या आप ये जानते हैं कि पार्टी में नंबर दो पोजीशन पर खूंटा गड़कर बैठे पटेल ने क्या किया है ? ये महाशय समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. क्या आपको लगता है कि इनमें बीजेपी के शाह जैसी चुस्ती फुर्ति है. अखिलेश यादव ही पूरे चुनाव में सपा की तरफ से लड़ते रहे लेकिन नरेश उत्तम पटेल ने कौन सा गुप्त प्रचार किया कोई बता सकता है ?

एक तरफ बीजेपी के अध्यक्ष शाह हैं जो एक चुनाव खत्म होते ही दूसरे चुनाव के लिए घूमने लगते हैं दूसरी तरफ सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं इनकी खुद की पहचान के ही लाले पड़े हुए हैं. तो जमीनी स्तर पर क्या काम करेंगे.

एक सबसे बड़ी सच्चाई ये भी है कि ग्राउंड पर जाटव यानी मायावती की बिरादरी और यादव बिरादरी में ज्यादातर मन मुटाव रहता है. ज्यादातर जगहों पर जहां मायावती का कैंडीडेट नहीं था जाटवों ने सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं दिया और बीजेपी के दलित प्रत्यशी के साथ चले गए. पूरे चुनाव भर में अखिलेश यादव की सोशल मीडिया टीम ने क्या किया ? लगभग कुछ नहीं. मायावती की सोशल मीडिया टीम की तो बात ही ना करिए.

सपा के 32 प्रत्याशी चुनाव हारे हैं. केवल और केवल अपने सुस्त नेताओं की वजह से. समाजवादियों का डोर टू डोर संपर्क तो पूरी तरह से खतम है. अखिलेश यादव अकेले सबसे नहीं मिल सकते. पार्टी को जमीन पर उतरना पड़ेगा. अखिलेश अब 2012 जैसी साईकिल नहीं चला सकते. दूसरी पंक्ति के लोगों को मेहनत करनी होगी. प्रदेश अध्यक्ष तेज तर्रार आदमी होना चाहिए जो समाजवादी जोशीले खून को सूट करे ना कि उत्तम जैसे बूढ़ी हड्डियों पर भरोसा करना चाहिए.

पार्टी अखिलेश के नीचले पायदान पर भी जोशीला नेतृत्व चाहती है. फिर चाहे वो पार्टी को या समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी छात्रसभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जैसे संगठन की इकाइयों का नये सिरे से गठन करने पर विचार करना चाहिए. अब अगर 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव को सफल बनाना है तो अखिलेश को कई बड़े फैसले लेने होंगे और जिनकी खुद की ही पहचान नहीं है ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए.