स्वामी प्रसाद मौर्या के सपोर्ट में उतरे RSS प्रमुख मोहन भागवत
RSS प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) के सुर अब बदले बदले से लग रहे है…..दरअसल मोहान भागवत ( Mohan Bhagwat ) का एक बयान आया है जिसमें वो मान रहे हैं कि धर्म ग्रंथों के साथ छेड़ छाड़ हुई है और कुछ स्वार्थी लोगों ने जान बूझ कर ग्रंथों में गलत चीज़े डाली है ।
दोस्तों ये धार्मिक ग्रंथों वाला मुद्दा बीते काई दिनों से चल रहा है….रामचरित्र मानस की कुछ पंक्तियों पर सपा के सवामी प्रसाद मौर्या ने आपत्ति जताई थी तो खूब बवाल हुआ था, यूपी की राजनीति भी गरमा गई । वही अब मोहान भगवात ने भी हिंदू ग्रंथों की दोबारा से समीक्षा करने की सलाह दी है –
उन्होंने कहा – “.हमारे पास हमारे पूर्वजों का किया कुछ न कुछ है ….वो परंपरा से चलते आए ….हमारे यहां पहले ग्रंथ नहीं थे, सब मौखिक परंपरा से चलता आ रहा था…..बाद में ग्रंथ इधर-उधर हो गए और कुछ स्वार्थी लोगों ने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसाया जो बिलकुल गलत है…. तो उन ग्रंथों, परंपराओं के ज्ञान की फिर एक बार समीक्षा जरूरी है…समीक्षा के बाद जो इस कसौटी पर टिकेगा, की वो विज्ञान और धरम दोनों है …वो ज्ञान है और लाभकारक गायन है , उसे मनुष्य जाती का लाभ हो सकता है”
समाजवादी पार्टी ने भी मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) के इस बयान पर पलटवार कर दिया है … सपा ने कहा “संघ प्रमुख मोहन भगवान जी ने अब ग्रंथों पर सवाल उठा दिए हैं…इशारों इशारों में तुलसीदास जी पर भी सवाल उठा रहे….इससे पहले भागवत जी पंडितों के बारे में भी बोल चुके हैं…..अब कोई भाजपाई ,कोई योगी ,कोई मोदी ,कोई कथित धर्मरक्षक ,साधु संत महात्मा मोहन भागवत पर सवाल क्यों नहीं खड़े कर रहा ?
उनके इस बयान पर खुद स्वामी प्रसाद मौर्या भी ख़ुद पड़े हैं – “RSS प्रमुख, मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) जी द्वारा स्वीकार करने के बाद कि कुछ स्वार्थी लोगो ने धर्म ग्रंथ मे कुछ-कुछ घुसाया है जो गलत है, फिर एक बार समीक्षा जरूरी है तो क्या अब सिर काटने, जीभ काटने, हाथ-नाक-कान काटने वाले तथाकथित ढोंगी धर्माचार्य सार्वजनिक रूप से गलती मानकर मेरी बात पर अमल करेंगे।”
आपको बता दे सालों बाद ऐसे हालात फिर से बनते दिख रहे हैं जब संघ प्रमुख के विचार को लेकर संघ के भीतर ही आवाजें उठने लगी हैं…दोस्तों .संग के विचारों से हटकर मोहान भागवत का ये बदला बदला रुख आज पहली बार नहीं देखा गया है ….इसे पहले उन्होंने एक बार कहा था कि जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई …उनके इस बयान पर भी खूब बवाल हुआ था !
असल में जब स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरित्र मानस पर सवाल उठाए थे तो उनका बहुत विरोध हुआ था. ….कुछ लोगों ने तो उनको हत्या की धमकी भी दे दी थी….वही अब जब देश के सबसे बड़े हिन्तुव्वादी संगठन के प्रमुख भी वही बात दोहरा रहे हैं तब लगतार ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इसपर आहत मंडली की भावनाए आहात होती है या नहीं ? तो क्या अब संग और कथित हिन्दू रक्षत भगवत का विरोध करते नज़र आएँगे ? आपको क्या लगता है कमेंट करके बतातिये …साथ ही चैनल को सब्सक्राइब कर लिजिए