राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश नहीं..

अपात्र राशन कार्ड (No Order to Surrender Ration Card) धारकों से..सरकार बाजार भाव से वसूली कर सके..खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ऐसा कोई नियम नहीं है..तो जो लोग आपको वसूली के नाम पर डरा रहे हैं..उनके कहिए ज्यादा कानून ना झाड़िए हमें भी कानून पता है..भारत में लक्ष्मी हाथ का मैल होती है..आज आप गरीब हैं..कल आप अमीर हो जाएं..कार खरीद लाएं..और सरकार आपसे कहे कि गुरू तुम्हारे पास कार है..तुम तो अमीर हो..चलो जितना राशन अब तक लिया है बाजार के भाव से सरकार को लौटाओ तो क्या ये संभव है..
कल तक तो आप गरीब थे..आज अमीर हो गए हैं..तो अमीर होते समय आप ये सोचेंगे कि..नहीं नहीं मुझे अमीर नहीं होना क्योंकि अगर मैं अमीर हो गया तो सरकार मुझसे बाजार भाव से राशन वसूल करेगी..नहीं सोचेंगे ना..तो फिर ये डुग्गी पिटवाकर आपको डराना का फंडा था..जो आपके भारी विरोध के बाद फेल हो गया है..
राशन कार्ड सरेंडर (No Order to Surrender Ration Card) कराने के लिए जिलाधिकारियों के कहने पर कोटेदारों ने डुग्गी पिटाई…किस जगह पर किस कमरे में और किस लिए राशन कार्ड सरेंडर करना है ये तक बता दिया..वसूली क्यों होगी और कितने रूपए वसूले जाएंगे ये तक बता दिया..लेकिन अब सरकार बउवा बन गई है..वसूली वाला आदेश कउन दिया है..किधर से आया है..कउन लागू किया है..सरकार को ही नहीं मालूम..खाद्य मंत्री है सतीश शर्मा कहते हैं…हमने तो आदेश नहीं दिया..ये गलतफहमी कैसे और कहां से हुई इसकी जांच कराई जाएगी..
हम तो नए कार्ड बनवा रहे हैं..सरेंडर (No Order to Surrender Ration Card) करने की तो कोई बात ही नहीं है..खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू भी कहते हैं…कानून में वसूली का नियम ही नहीं है..लगता है कोई कन्फ्यूजन हो गया है..हमने भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया..तो भईया क्या गांव गांव भूत डुग्गी पीट रहे हैं..जब आपने आदेश नहीं दिया तो राशनकार्ड कौन लाटसाहब सरेंडर करवा रहा है..मारे डर के 43 हजार लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं..
- जो इनकमटैक्स भरते हैं..
- जिनका घर 100 वर्गमीटर का है
- जिसके घर में चार पहिया गाड़ी है..
- जो ट्रैक्टर या हार्वेस्टर के मालिक हैं
- घर में एसी है
- सालाना 2 दो लाख कमाते हैं
- घर में जनरेटर है
- एक से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस हैं
- 5 एकड़ से ज्यादा खेती वाली जमीन है
तभी राशन कार्ड (No Order to Surrender Ration Card) नहीं बनेगा या नवीनीकरण नहीं होगा…क्या नहीं होगा नवीनीकरण आपको कहीं भी अपना राशनकार्ड सरेंडर करने नहीं जाना है ना ही..कोई आपसे अब तक..लिए गए राशन की वसूली कर सकता है..और हां..
- ये राशनकार्ड के पात्र हैं
- जिनका सरकारी पक्का मकान है
- बिजली का कनेक्शन है..
- एक शस्त्र लाइसेंस है
- मोटरसाइकिल है
- मुर्गी पालने हैं
- घर में रंगीन टीवी है…तो राशन मिलेगा..
दोस्तों दुनिया में नेतागीरी से मतलब परस्त दूसरा कोई पेशा नहीं होता है..यही सरकार है जो कुछ महीने पहले 80 करोड़ लोगो को फ्री का राशन खिलाने पर खुश होती थी..भारत के 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री खुद गरीब कहते थे…
80 करोड़ लोग सरकार की नजर में अब तक गरीब थे..फिर अचानक 80 लोग अंबानी तो बन नहीं गए होंगे..ना ही 80 करोड़ लोग अडानी के पीए लग गए होंगे..होंगे तो गरीब ही..तो फिर उन लोगों से राशन की वसूली कैसे हो सकती है..बहुत बवाल होने के बाद जनती की नाराजगी के बाद अब सरकार को सामने आकर कहना पड़ा है कि वसूली वाला आईडिया हमारा नहीं था कहीं कोई कन्फ्यूजन हुआ है..अगर इस डुग्गीपीटो अभियान का विरोध नहीं होता तो आपको राशनकार्ड सरेंडर (No Order to Surrender Ration Card) करने पड़ते..जिसे सरकार अब कनफ्यूजन बता रही है..तब इसे अपनी उपलब्धि बताती..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.