संसद के भीतर उड़ा कागज़ का राफेल…साथ ही उड़ती रहीं सदन की धज्जियां..
संसद में राफेल. सड़क पर राफेल. सुप्रीम कोर्ट में राफेल. एक दशक से देश जिस फाइटर जेट का इंतजार कर रहा है. सालों से वायुसेना जिस जंगी जहाज की बाट जोह रही है. वही राफेल आज कागज की शक्ल में संसद में उड़ने लगा. देश की सबसे बड़ी पंचायत एक बार फिर राफेल पर राजनीतिक रार का गवाह बन गई.

बोलने का मौका मिलते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल को मोदी सरकार पर हमले का हथियार बनाया. पहले पीएम मोदी के हालिया इंटरव्यू का जिक्र किया और फिर सवालों की झड़ी लगा दी. लेकिन सदन में सरकार का पक्ष रख रहे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी के सभी आरोपों को बेदम बना दिया.
ऑडियो टेप का जिक्र
लोकसभा में राफेल पर चर्चा के दौरान उस ऑडियो टेप का भी जिक्र आया. जिसे कांग्रेस ने इस दावे के साथ जारी किया कि राफेल डील के वक्त देश के रक्षा मंत्री रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास इस सौदे की पूरी फ़ाइल मौजूद है. कांग्रेस ने दावा किया की फोन पर हुई ये बातचीत गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे और उनके एक विधायक के बीच की है.
राहुल गांधी ने सदन में इस ऑडियो टेप को सुनाने की इजाजत मांगी जिसे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने खारिज कर दिया. जेटली ने भी इस ऑडियो टेप को झूठ का पुलिंदा बताया लेकिन राहुल अपनी जिद पर अड़े रहे.
बीजेपी ने जताई आपत्ति
सदन में राहुल गांधी के बयान के बीच एक ओर जहां एआईडीएम के सांसद कावेरी मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसदों ने भी ऑडियो टेप के जिक्र पर आपत्ति जताई और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. लेकिन जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई राहुल के बयान पर घमासान मच गया.
सदन में नियमों का हवाला देकर स्पीकर ने अनिल अंबानी का नाम न लेने की नसीहत दी जिसपर राहुल भड़क उठे. लेकिन अरुण जेटली अपने जवाब से उन सारे सवालों को खत्म कर दिया, जिसके जरिए कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरेबंदी में जुटी थी.
जेटली ने फोड़ा गुब्बारा
राफेल डील पर चर्चा के दौरान जब अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों का गुब्बारा फोड़ा तो तिलमिलाए कांग्रेसी सदन में कागज फेंकने लगे. इधर राहुल गांधी इस जिद पर अड़े रहे कि डील की जांच जेपीसी से ही होनी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी जेपीसी जांच से इनकार नहीं किया है. लेकिन जेटली ने साफ कर दिया कि राफेल सौदे में जेपीसी जांच कतई नहीं होगी.
संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी राफेल की रार जारी रही. शाम को मीडिया के सामने आए राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल राग छेड़ा और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए.
मोदी ने दिया है इंटरव्यू
पीएम मोदी ने अपने हालिया इंटरव्यू में राफेल डील से जुड़े सवालों का खुलकर जवाब दिया है. लेकिन राफेल को लालकिले की सीढ़ी बनाने में जुटे राहुल गांधी इस मुद्दे को चुनाव तक जिंदा रखना चाहते हैं. यही वजह है कि एक तरफ कांग्रेस जेपीसी की मांग कर रही है तो दूसरी तरफ आए दिन नये खुलासे का दावा ठोंक रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर सरकार को क्लीन चिट दे चुकी है, लेकिन अब इस फैसले के खिलाफ भी पुनर्विचार याचिका दाखिल हो गई है.