लोगों के अधिकार कुचलने वाला ‘राम राज’ (Ram Raj).. Analysis By Pragya..

नमस्कार भगवान राम की पावन धरती अयोध्या से मैं प्रज्ञा मिश्रा..भगवान श्री राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में खड़ी हूं..राम राज (Ram Raj)..और रावण राज..दोनों को यहां की धरती ने कायदे से महसूस किया है..आज मैं आपको कलयुग में राम राज रिटर्नस के बारे में बताऊंगी..जब राम राज वापस लौटाने की गारंटी दी जा रही है..तब आज के मार्केटिंग वाले राम राज के बारे में बताऊंगी…
राम राज (Ram Raj) की ताजी रिपोर्ट में जो गृह मंत्रालय ने संसद में बताया है उसके मुताबिक अकेले यूपी के भीतर 40 प्रतिशत लोगों के अधिकारों को कुचला गया है..यानी 40 प्रतिशत में 10 प्रतिशत और जोड़ दीजए तो पूरे भारत वर्ष के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अकेले यूपी में सबसे ज्यादा मानव अधिकार उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए हैं..जो लोग मानव अधिकार के उल्लंघन शब्द को नहीं समझ रहे हैं उनके लिए आसान भाषा में बता देती हूं..
जहां ना आम आदमी की कोई सुनने वाला हो..ना कहने वाला..ना समझने वाला..जनता को डंडे के रूल पर धकियाया जाता हो..जहां संविधान को सूली पर टांगकर सरकारें अपनी मनमानी करती हैं..ऐसी परिस्थितियों में आम आदमी के अधिकार पर डाका डालकर उसे उत्पीड़ित करने को मानवाधिकार उल्लंघन कहते हैं..पुराणों में इसी को अंधेर नगरी कहा गया होगा…ये भारत देश की संसद में गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यूपी में 2021-2022 के काल खंड में 24 हजार 242 मामले सामने आए हैं..पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड देख लें तो अकेले यूपी में 40 प्रतिशत के साथ बहुत आगे है..
दो इंजन की सरकारों में दूसरा इंजन पहले इंजन के बारे में बताता है कि पूरे देश के 40 प्रतिशत मानव अधिकारों को यूपी में कुचला गया है..रिपोर्ट कहती है..जैसे रावण ने सीता को हरा था..वैसे ही यूपी में मानव अधिकारों को हरा गया है..मैं आपको ये इसलिए बता रही हूं..क्योंकि राम राज (Ram Raj) की मार्केटिंग से ही काम नहीं चलेगा..लंकापति वाले स्वभाव से राम राज के पराभाव को कोई प्राणी प्राप्त नहीं कर सकता है..राम राज तभी आएगा जब राजा सबको साथ लेकर चल पाएगा…
जब राज समुदायों में बाटवारे का गाना नहीं गाएगा..जब राजा मुकदमों से सत्ता नहीं चलाएगा..जब धोबी को भी अपनी बात कहने का अधिकार मिल पाएगा..जब पत्रकार खबर दिखाने पर जेल नहीं जाएगा..राम राज तभी आएगा..जब आरोप लगने पर अपनों को भी अग्नि परीक्षा से गुराजा जाएगा…राम राज तब आएगा जब नौजवान के हाथ में काम होगा..जब गरीब के घर चूल्हा जलाने का इंतजाम होगा..जब औरतों की साड़ी नहीं खीची जाएगी..जब दूरबीन से बगल में बैठा आदमी भी दिखाई देगा..
जब जालीदार टोपी और दूसरी टोपियों में भेद खत्म होगा…राम राज (Ram Raj) तभी आएगा जब राजा का विधान और अंबेडकर संविधान बराबर होगा..जब दलित की भी दाल गलेगी..जब औरतों को आधी रात में निकले की आजादी मिलेगी…चलते हैं राम राम दुआ सलाम जय हिंद…राम राज…चुनावी जुमला नहीं है..राम राज मर्केटिंग नहीं है.. राम राज के लिए राम होना पड़ता है..मर्यादाओं का बंदी होना पड़ता है..धर्मों को मोहरा बनाने वाले राजा कुछ साल राज तो कर सकते हैं.लेकिन राम जैसा चक्रवर्ती राज नहीं कर सकते..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.