कांग्रेस ने ज़ारी कर दिया अपना घोषणा-पत्र, किये 19 बड़े वादे, देखें लिस्ट-
कांग्रेस पार्टी ने आज मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र ज़ारी किया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र का नाम जन-आवाज रखा है. इस दौरान दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे.

बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक-एक कर बड़े वादों का पिटारा खोल रही है. घोषणापत्र के कवर पेज पर लिखा गया है- हम निभाएंगे. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि घोषणापत्र को बंद दरवाजों के पीछे नहीं बल्कि जनता के बीच जाकर तैयार किया है. जिस तरह कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ में पांच उंगलियां है, इसी तरह हमारे घोषणापत्र में पांच बड़ी बातों का जिक्र है. किसान और रोजगार इस देश में सबसे बड़े मुद्दे हैं.
- हर साल 20 फीसदी गरीबों को न्याय योजना के तहत 72 हजार रुपये सालाना
- हिंसक भीड़ पर रोक लगाएंगे, लोकसभा में नया कानून लाएंगे।
- युवाओं को पक्का रोजगार मिलेगा।
- जीएसटी को आसान बनाया जाएगा।
- मनरेगा में 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन रोजगार गारंटी
- 3 साल तक नए कारोबारों को किसी मंजूरी की जरूरत नहीं
- ग्राम पंचायत में 10 लाख नौकरियां
- जीडीपी का 6% पैसा देश की शिक्षा में दिया जायेगा
- किसान कर्ज न चुका पाएं तो आपराधिक मामला नहीं
- सरकारी अस्पतालों को मजबूत करेंगे
- हिंसक भीड़ पर रोक लगाएंगे
- लोकसभा में नया कानून लाएंगे।
- जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती की समीक्षा करेंगे
- आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट की समीक्षा करेंगे
- अनुच्छेद 370 में कोई बदलाव नहीं होगा
- राजद्रोह खत्म करेंगे
- देशद्रोह की धारा 124-ए को खत्म करेंगे
- राफेल डील पर जांच बैठाई जाएगी
- 22 लाख खाली पड़ी सरकारी नौकरियां कांग्रेस मार्च 2020 तक भर देगी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ये भविष्य की राह दिखाने वाला घोषणापत्र साबित होगा. कांग्रेस के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. इस घोषणा पत्र में गरीबी, बीमारी से जूझते देश के लिए जरूरी योजनाओं का जिक्र है. ये घोषणापत्र लोगों की उम्मीदों, आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है. वहीं घोषणापत्र समिति के संयोजक राजीव गौड़ा ने बताया कि इस घोषणा पत्र को बनाने के लिए हमने 20 सबकमेटी बनाईं. हमने 24 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 60 लोकेशन कवर कीं. हमने एनआरआई से भी संपर्क किया. 12 देशों के एनआरआई से सलाह ली. कुल 121 पब्लिक कंसल्टेशन ली गईं.