राजा भैया बनाएंगे अपनी ‘नई राजनीतिक पार्टी’, बढ़ीं बीजेपी की मुश्किलें
नई सियासी जमीन तलाश रहे प्रतापगढ़ के कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ‘राजा भैया’ दलितों के खिलाफ सवर्णों को एकजुट करके अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी में हैं. सूत्रों की मानें तो वे नवरात्र में अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं.
30 नवंबर को हो सकता है बड़ा ऐलान

सूत्रों ने बताया की राजा भैया सवर्णों-पिछड़ों को अपने पक्ष में कर नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. राजा भैया के इस कदम को नए सियासी दांव के रूप में देखा जा रहा है. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातार आठवीं बार विधायक हैं. 1993 से वे कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं. अब नई पार्टी बनाना राजा भैया का यह बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.
जानकारी के अनुसार राजा भैया ने अपने करीबियों के साथ बैठकों में राजनीतिक दल बनाने को लेकर चर्चा भी शुरू कर दी है. 30 नवंबर को राजा भैया अपने राजनीतिक जीवन के 25 साल पूरे कर रहे हैं. इसी दिन वो अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. राजा भैया ने सियासत में अपना पहला कदम 26 साल की उम्र में रखा था.
2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर
सूत्रों का मानना है कि आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनका नया सियासी दल मैदान में उतरेगा. निर्दलीय विधायक होने के बावजूद उनका इतना दबदबा रहा है की वे कल्याण सिंह सरकार, मुलायम सरकार और अखिलेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. राजा भैया की बीजेपी वालों से भी अच्छी बनती थी और कयास भी लगाए जा रहे थे की वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन राजा भैया भाजपा में शामिल नहीं हुए. सूत्रों का ये भी मानना है कि राजा भैया एससी/एसटी एक्ट पर बीजेपी से नाराज लोगों को अपने पक्ष में करने की मुहिम में जुटे हैं. राजा भैया के इस कदम से बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है.