मोदी सरकार को झटका, ‘राफेल’ पर दोबारा सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, ‘माया’ ने कसा तंज
मोदी सरकार को राफेल सौदे पर उच्चतम न्यायालय से एक बार फिर झटका लगा है. केंद्र की आपत्ति को कोर्ट ने खारिज कर नए दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है.

न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने राफेल मामले की सुनवाई की थी. जिसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसके कौल और केएम जोसेफ शामिल थे. जजों ने एक मत से कहा कि जो दस्तावेज सार्वजनिक हो गए हैं उसके आधार पर हम याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि जो कागज अदालत में रखे गए हैं वह मान्य है. बतादें केंद्र सरकार ने इन दस्तावेजों पर अपना विशेषाधिकार जताते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता ने इन्हें अवैध तरीके से हासिल किया है. न्यायालय ने केंद्र सरकार की इसी प्राथमिक आपत्तियों को खारिज कर दिया है.
इससे पहले 14 दिसंबर को दिए अपने फैसले में अदालत ने सरकार को क्लीनचिट देते हुए फ्रांस से 36 विमान खरीदे जाने की प्रक्रिया की जांच अदालत की निगरानी में करने का आदेश देने से मना कर दिया था. मगर अब कोर्ट ने कहा, राफेल फैसले पर समीक्षा याचिका की विस्तृत सुनवाई की जाएगी. इसकी सुनवाई के लिए कोर्ट नई तारीख तय करेगा.
उधर कोर्ट के फैसले के बाद मायावती ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की पीएम श्री मोदी सरकार की कोशिश विफल. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी. संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए श्री मोदी माफी मांगे व रक्षा मंत्री इस्तीफा दें.
राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की पीएम श्री मोदी सरकार की कोशिश विफल। सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी। संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए श्री मोदी माफी मांगे व रक्षा मंत्री इस्तीफा दें
— Mayawati (@Mayawati) April 10, 2019
राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने बताया कि, कोर्ट में हमारा तर्क ये था कि दस्तावेज देश की सुरक्षा से संबंधित हैं इसलिए आपको उनकी जांच करनी चाहिए. आपने हमसे इसके सबूत मांगे थे, जिसे हमने आपको दे दिया. इसलिए अदालत ने हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया है और केंद्र सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया है.