ममता के धरने में शामिल इन पांच अफसरों से ‘छिनेंगे मेडल’, नाम के आगे से हटेगा ‘वरिष्ठ’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए धरना देकर 3 दिन तक ड्रामा किया. जिसमें उनको कई राजनीतिक पार्टियों का साथ भी मिला. वहीं धरने में हिस्सा लेने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे थे.

punish five ips officers dharna with mamata banerjee
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धरने में मौजूद उन्ही अधिकारियों पर गाज़ गिरने वाली है. केंद्र सरकार राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र कुमार समेत पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है. इसमें उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रदान किए गए पदकों को वापस लेने और वरिष्ठता सूची से उनके नाम हटाने जैसे कदम शामिल हैं.

जानकारी के मुताबिक डीजीपी वीरेंद्र कुमार के अलावा जो चार अन्य अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के रडार पर हैं उनमें एडीजी सिक्योरिटी विनीत कुमार गोयल, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अनुज शर्मा, पुलिस कमिश्नर (बिधान नगर) ज्ञानवंत सिंह और कोलकाता के एडीशनल कमिश्नर सुप्रतिम सरकार शामिल हैं. और यही कार्रवाई कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ भी की जा सकती है.

इसके अलावा केंद्र सरकार सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करने पर भी विचार कर रही है ताकि वरदी पहनने वाले बलों के अधिकारी आचरण नियमों का पालन करें और शिष्टाचार बनाए रखें.

शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर गंभीर आरोप हैं. इसलिए सीबीआई राजीव के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी. मगर ममता ने पहुँच कर सीबीआई अफसरों को गिरफ्तार कर लिया और फिर वापस भेज दिया. ममता अपने पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए धरने पर बैठ गईं और 3 दिन तक रोड पर बैठे बैठे ड्रामा किया.

ममता को लगा की ये घोटाला सामने आने से उनके पीएम बनने के सपने पर ग्रहण लग सकता है. जो लगभग सीबीआई ने लगा ही दिया है. पहले ही इस घोटाले में ममता के 5 सांसदों का नाम भी आ चुका है. और सबसे बड़ी बात की कुछ ही दिनों बाद बंगाल और केंद्र दोनों में चुनाव है. अब ऐसे में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने कुछ भी बोल दिया या सबूत दे दिए तो ममता का पीएम बनने के सपने के साथ कही न कही राज्य की सत्ता भी उनके हाथ से निकल सकती है.

आखिर क्या है घोटाला ?

शारदा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल का एक बहुत बड़ा आर्थिक घोटाला है, जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की भी खबर है. मामला ये है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों लुभावने ऑफर दिए थे. कंपनी की ओर से रकम को 34 गुना करने का वादा किया गया था. जिसके बाद कई लाख लोगों ने करीब 40 हजार करोड़ रुपये इस कंपनी में जमा किये. मगर कंपनी ने सभी लोगों से पैसे ठग लिए. सभी के पैसों का हेर-फेर कर दिया गया.

इस कंपनी की स्थापना जुलाई 2008 में की गई थी. कंपनी के मालिक सुदिप्तो सेन ने ‘सियासी प्रतिष्ठा और ताक़त’ हासिल करने के लिए मीडिया में खूब पैसे लगाए और हर पार्टी के नेताओं से जान पहचान बढ़ाई. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल कर दावा किया गया है कि चिट फंड घोटाले में घिरे शारदा ग्रुप की कंपनियों से उन्हें 1.4 करोड़ रुपये मिले है.

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