प्रियंका ने बोला हमला तो CM योगी के मीडिया एडवाइजर ने दिया ये मुंहतोड़ जवाब, बोलती बंद

पूर्व बीजेपी सांसद स्वामी चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने शारीरिक शोषण के आरोप लगाये हैं. फिर उसके रहस्यमय तरीके से गायब होने का मामला सामने आया है. अब ये मामला सियासी तूल पकड़ने लगा है.

priyanka gandhi attacks yogi government shahjahanpur llm student missing case
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कांग्रेस की सचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार को सुनाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में एक दिन भी ऐसा नहीं बीतता जिस दिन भाजपा सरकार महिलाओं को ये भरोसा दिलाने में कामयाब हो कि आप सुरक्षित हैं और अगर आपके साथ कोई घटना घटती है तो आपको न्याय मिलेगा. शाहजहांपुर में आवाज उठाने वाली लड़की लापता है. उसके साथ क्या हो रहा है कोई नहीं जानता. आखिर ये कब तक चलेगा?

प्रियंका ने कहा कि ये उन्नाव मामले जैसा ही दोहराव लग रहा है. अगर कोई महिला भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत करती है तो उसको न्याय मिलना तो दूर की बात, उसकी खुद की सुरक्षा की भी गारंटी नहीं रहती है. पिछले ही साल आरोपी पर से बलात्कार का मुकदमा भाजपा सरकार ने वापस लिया था. बहुत साफ है सरकार किसके साथ खड़ी है. यूपी की लड़कियाँ सब देख रही हैं.

प्रियंका के ट्वीट के बाद सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने प्रियंका को जवाब देते हुए लिखा कि, ” प्रियंका जी, भ्रम मत फैलाईये. यूपी पुलिस ने सभी आवश्यक कदम उठाये हैं. FIR दर्ज है और परिवार को उनकी सुरक्षा का भरोसा भी दिया गया है. अखबार पढ़िए, सत्य जानिए और सहानुभूति के बहाने सियासत करना बंद करिए, जनता सब जानती है, आपका नकाब उतर चुका है और असली चेहरा सबके सामने है.

फिर दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, प्रियंका जी, आप जिन पी चिदंबरम के बचाव में लोहा लेकर उतरी पड़ी थीं, घोटालों के अलावा उनके कई महिलाओं से भी संबंध और उनका शोषण करने के आरोप हैं. इंद्राणी मुखर्जी याद हैं? आश्वस्त रहिये भाजपा कार्यकाल में अपराधी जेल में ही रहेगा, भले ही शाही परिवार हो या उनके दरबारी.”

बतादें कि लापता छात्रा के माता-पिता ने पुलिस के पास अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने इसके लिए कॉलेज के निदेशक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को जिम्मेदार बताया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए एक याचिका दायर की है. वकीलों का कहना है कि वो नहीं चाहते कि एक और उन्नाव हो.