मुस्लिमों के घर गिराने पर ब्रिटेन की संसद में उठे सवाल : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
PRAGYA KA PANNA

रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के दौरान इस बीच अगर भारत के प्रधानमंत्री रूस जाकर रूसी टैंक पर खड़े होकर फोटो खिंचाएं तो आप क्या समझेंगे..यही ना कि भारत रूस की तरफ हैं..उसी तरह ईस्ट इंडिया कंपनी लगाने बात कहकर भारत पर कब्जा कर लेने वाले…ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत आकर भारत की डेमोलेशन वाली अंदरूनी समस्या के बीच जेसीबी पर फोटो खिचाई तो भारत का दूसरा पक्ष यही समझा कि दूसरे देश का प्रधानमंत्री भारत की अंदरूनी समस्या में दूसरी तरफ खड़ा होकर लड़ाई लगवा रहा है..और इसी पर ब्रिटेन की संसद में सवाल खड़े हो गए हैं..

वो अंग्रेज जिन्होंने भारत को गुलाम बनाकर रखा..वो अंग्रेज जिन्होंने भारत में फूट डालकर 100 साल तक राज किया..वो अंग्रेज जिन्होंने भारतवासियों पर अत्याचार की सारीं हदें पार की..उन्हीं अंग्रेजों का एक प्रधानमंत्री भारत आया और आकर कहां बैठा बुलडोजर पर..क्यों बैठा क्योंकि उसे मालूम था कि भारत में राजनीतिक कारणों से एक वर्ग विशेष के घरों पर बुलडोजर चल रहा है..बांटना और राज करना..लोगों में लड़ाई लगवाना अंग्रेजों के खून में था..एक अंग्रेज प्रधानमंत्री (Narendra Modi) भारत के जख्मों पर नमक छिड़कर कर चला गया..भारत की किसी विधानसभा और संसद ने आवाज नहीं उठाई..भारत में 572 अंग्रेजी कंपनियां चलती हैं..पीटर के शोरूम पर भी फोटो खिचाई जा सकती थी…

भारत में किसी के मुंह में जुबान नहीं थी ना सही लेकिन ब्रिटेन की महिला सांसदों ने अपने प्रधानमंत्री (Narendra Modi) से पूछा है कि जब भारत में राम नवमी और हनुमान जयंती के मौके पर भारत देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसके बाद कई मुस्लिम आरोपियों के घर और दुकानों को जेसीबी से तोड़ दिया गया..प्रशासन का कहना था कि केवल अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है..लेकिन बीजेपी के कई नेताओं के बयान ये कहते हैं कि ये बदले की भावना की कार्रवाई है…तो फिर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने गुजरात के वडोदरा जाकर उसी बीच जेसीबी पर चढ़कर फोटो क्यों खिचाई..

ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद नाडिया व्हिटोम ने अपने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) भारत में लोगों के घरों पर चले बुलडोजरों का समर्थन करते हैं..ब्रिटिश सांसद ने आगे पूछा कि क्या ब्रिटिश पीएम का ये दौरा भारत में मुस्लिमों के ऊपर हो रहे हमले को जायज़ ठहराने के लिए था..इस पर ब्रिटिश संसद ने कहा हम किसी भी तरह के भेदभाव की निंदा करते हैं..मात्र 25 साल की नाडिया ब्रिटेन की सबसे कम उम्र की सांसद हैं..रोचक बात ये भी है कि नाडिया के माता-पिता भारतीय मूल के ही हैं..उनके पिता पंजाबी सिख और मां एंग्लो इंडियन हैं..

दोस्तों अंग्रेज भारत को बांटकर गए थे..हम वैसे ही आज भी बंटे हुए हैं..अंग्रेजी सरकारों ने भारत की हर सरकार ने फूट डालो और राज करो बहुत अच्छी तरह सीखा है…70 साल से हमारे देश की सरकारें हिंदू मुस्लिम सिख इसाईयों के बीच फूट डालकर राज कर रही हैं..ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारत आकर जेसीबी पर फोटो खिचाकर मौज लेकर चला जाता है..फोटो देखकर मुसलमान किलस जाते हैं..और हिंदू खुश हो जाते हैं..यही है फूट डालो और राज करो..राजनीति शास्त्र के छात्र इस बहुत महीन मेसेज से राजनीति का बहुत बड़ा पाठ पढ़ सकते हैं..

बुलडोजर समस्या का समाधान नहीं है..भारत में 99 प्रतिशत लोगों के घर नक्शे से नहीं बने हैं..हम वो देश हैं जिसने युद्धों के समय एक टाइम की रोटी खाई है..हम वो देश हैं..जो 100 साल गुलाम रहे..हमारे दादा परदादाओं को अपने घर के नक्शे से ज्यादा देश के नक्शे की चिंता रही..हम ऐसी ऋषि मुनियों के सभ्यताओं से आते हैं जो वन विभाग की जमीन पर ही अपनी कुटिया बनाते थे..किसी मुनि की कुटिया का नक्शा पास नहीं होता था..हम जन्मजात विकसित नहीं थे..हम ऋषि मुनियों और राजाओं के काल के काल से निकले तो अंग्रेजों के चंगुल में फंस गए..अंग्रेजों के चंगुल से नकले तो बंटवारे और युद्धों के चुंगुल में फंसे रहे..

हमारी सरकारों को लोगों का घर गिराने से पहले ये समझना पड़ेगा..जो आज अवैध है..वो इसीलिए क्योंकि कल हम भारत वासियों के पास अपना नक्शा ठीक करने लायक धन नहीं था घर के नक्शे की क्या सोचते..बलिया में दादा परदादाओं के बनाए घर को गिराने गए सरकारी कर्मचारियों की बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने जो रेल बनाई है..वो तारीफ के लायक है..मैं बीजेपी विधायक की तारीफ करती हूं..कि वो न्याय के साथ खड़ी हुईं..

तीन चार पीढ़ियों से कोई किसी घर में रह रहा है…और आप मुंह उठाकर जमीन को सरकारी बताकर घर कैसे गिरा सकते हैं..-3-4 पीढ़ियों का मतलब है करीब डेढ़ सौ साल..डेढ सौ साल से क्या करकारें सो रही थीं..तब तो अंग्रेजी शासन था..तब तो भारत में कानून भी नहीं बना था..तब के बने घर कैसे तोड़े जा सकते हैं..खैर कहने को बहुत कुछ है..लेकिन कोई और देश हमारे देश की समस्या का मजाक बनाकर जाए..हमारे फटे में टांग अड़ाए ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए..जैसे किसान आंदोलन में नहीं किया गया था

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.

team ultachasmauc

We are team pragya mishra..we are team ulta chasma uc..we are known for telling true news in an entertaining manner..we do public reporting..pragya mishra ji is public reporter..