मथुरा: PM मोदी ने किया 1000 करोड़ रु. की योजनाओं का शिलान्यास, कहा- प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मथुरा पहुंचे हैं. यहाँ पीएम मोदी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ का शुभारंभ किया है. इसके साथ ही पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का भी शुभारंभ किया है.

पीएम मोदी ने सबसे पहले वेटरनेरी विश्वविद्यालय में पशु आरोग्य मेले का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने गायों की नस्ल के बारे में भी जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं. इसके बाद पीएम मोदी ने जो महिलाएं रोजाना कूड़ा बीनने का काम करती हैं उन महिलाओं से जाना कि किस तरह से कूड़े से प्लास्टिक को अलग किया जाता है. पीएम मोदी ने इस दौरान इन महिलाओं को सम्मानित भी किया और उनके कार्यों में आने वाली दिक्कतों को करीब से समझा.
पीएम मोदी ने गौ मूत्र से बनने वाले उत्पादों के बारे में जाना. आईसीआर ने कौन सी नई तकनीकि विकसित की हैं ये जानकारी दी गई. फिर जैसे ही पीएम मोदी एक हजार 59 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास करने के लिए मंच की ओर पहुंचे, तभी पूरा पंडाल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा. पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर और जोड़कर सभी का अभिवादन किया. इसके बाद बदन दबाकर पीएम मोदी ने देश में पशुओं के लिए विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया.
मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्री गिरिराज सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, गजेंद्र सिंह शेखावत, मथुरा के सांसद हेमा मालिनी मौजूद हैं. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि स्वच्छता की सेवा की शुरुआत मथुरा की धरती से हो रही है. 2014 में पीएम पद को ग्रहण करने के बाद देश के किसानों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया था कि किसानों की आय दोगुना करने और उनके हितों के लिए कार्य किया जाएगा.
आज अनेक कार्यक्रम किसानों के हित में लागू हुए हैं. जिस स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ प्रधनमंत्री जी ने किया था, उसी मिशन का नतीजा है कि इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी आज समाप्ति की ओर है. इसी कारण हमें आज प्लास्टिक मुक्त भारत की भी प्रेरणा मिलती है.
पीएम मोदी ने मंच से सभी बृजवासियों का राधे-राधे से अभिभावदन किया. कहा कि नए जनादेश के बाद कान्हा की नगरी में पहलीबार आने का सौभान्य प्राप्त हुआ है. पूरे उत्तर प्रदेश का भरपूर आशीर्वाद मुझे और मेरे तमाम साथियों को मिला है. इसके लिए मैं शीष झुकाकर आप सबका आभार व्यक्त करता हूँ. बीते सौ दिनों में हमने अभूतपूर्व कार्य किए हैं. बृज भूमि ने सदा ही पूरी मानवता को प्रेरित किया है.
पर्यावरण के लिए सब भटक रहे. कालिंदी, वैजयंती माला, मयूर पंख, कदम की छांव, बांस की बांसुरी, धेनू के बिना श्रीकृष्ण की तस्वीर पूरी नहीं हो सकती है. दूध, दही, माखन के बिना बाल गोपाल की कल्पना कोई नहीं कर सकता है. प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन हमेशा से भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. हम नए भारत की तरफ आगे बढ़ रहे हैं.
स्वच्छता ही सेवा का शुभारंभ हुआ है, इसके साथ ही पशु के पोषण और संवर्धन और अन्य मूलभूत सुविधा से जुडी सेवाओं का शुभारंभ हुआ है. मथुरावासियों को इसके लिए बहुत बहुत बधाई. जो कचरा री-साइकिल नहीं हो सकता है, उन्हें सीमेंट फैक्ट्रियों और सड़कों को बनाने में किया जाएगा. प्लास्टिक अलग करने वाली महिलाओं से मिला, कचरे से कंचन की सोच ही हमें इस अभियान से आगे ले जाएगी. कचरे से कंचन की सोच ही हमारे वतावरण को स्वच्छ बनाएगी.
प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही हैं. नदियां, झीलों और तलाबों में रहने वाले जीवों का प्लास्टिक निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा. हमें ये कोशिश करनी है कि इस वर्ष दो अक्टूबर तक अपने घरों, दफ्तर, कार्यक्षेत्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें.