Pragya ka Panna : इतिहास में पहली बार, सरकार संसद से भाग रही है
कांग्रेस ( congress ) डाल डाल..बीजेपी पात पात..दोनों की सूरतों में लग रही है जनता की वाट..दोस्तों ये इतिहास में पहली बार है कि विपक्ष सत्ता पक्ष से कह रहा है कि आओ संसद में बात करो..और सत्ता पक्ष हंगामा करके संसद ठप करके भार रहा हो..
ऐसा क्या है कि सत्ताधारी बीजेपी बहुमत वाली बीजीपी संसद में विपक्ष को फेस करने में घबरा रही है..ये देखिए दोस्तों..ये लोग तख्ती लेकर संदस के बाहर खडे़ हुए हैं..और तख्ती पर लिखा हुआ नारा आप खुद पढ़ सकते हैं..यही वो नारा है..जिसे सुनकर बीजेपी के कान से खून निकल आता है..
जेपीसी जेपीसी चिल्ला रहे सांसद
दूसरा वीडियो देखिए संसद के बाहर का है..इसमें सांसद सब जेपीसी जेपीसी चिल्ला रहे हैं..लेकिन जेपीसी से बीजेपी को डर लगता है..और तो और दोस्तों जिस राहुल गांधी से बीजेपी माफी मंगवाना चाहती है..वो राहुल गांधी संसद पहुंचे तो संसद क्यों नहीं चलने दी ..गांधी फिर से सेठजी पर बात करने लगेंगे ये बीजेपी को अच्छे से मालूम है..कांग्रेस ने एक वीडियो डालकर लिका कि शेर संसद पहुंच गया है..मतलब राहुल गांधी संसद पहुंच गए हैं..लेकिन राहुल गांधी का बोलने का मौका नहीं आया..क्योंकि संसद बीजेपी के हंगामें की वजह से ठप हो चुकी थी..
बीजेपी खुद नहीं चलने दे रही है सदन
जिस सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर संसद चलाने की जिम्मेदारी है..वो बीजेपी खुद सदन नहीं चलने दे रही है..दोस्तों बीजेपी कहती है कि राहुल गांधी ने लंदन में कह दिया कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है…इससे भारत का अपमान हो गया…ये राजद्रोह का मामला है..लेकिन असली सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी ने गलत कहा है..दोस्तों लोकतंत्र खत्म होना किसे कहते हैं..सबसे पहले आपको ये समझना पड़ेगा..लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं..जब अंबेडकर के बनाए संविधान को ताककर पर रखकर कोई पार्टी सरकार संगठन या सत्ता का नेता अपनी आईडियोलॉजी से अपने सिद्धांतों से देश चलाए..जब भारत के संविधान को दरकिनार कर दिया जाए..
इसे कहते हैं लोकतंत्र का खत्म होना
दोस्तों जब प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता हिंदू मुसलमान को लड़ाने की बात करे..संविधान की धज्जियां उड़ाए और कानून कुछ ना करे उसे लोकतंत्र का खत्म होना कहते हैं…जब सरकारें तरीके से अवैध तरीके से लोगों के घर गिराए उसे लोकतंत्र का खत्म होना कहरते हैं..जब कुछ लोग संविधान को किनारे करके देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करें..और कानून सोता रहे उसे लोकतंत्र का खत्म होना कहते हैं..जब विपक्ष पर ही एतरफा 95 प्रतिशत छापे पड़ते जाएं तो उसे लोकतंत्र का खत्म होना कहते हैं..लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं जब बिना संसद में बहस के..अध्यादेश के जरिए..अचानक किसानों पर तीन कानून थोपने की कोशिश हो जाए..लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं जब उत्तर प्रदेश की विधानसभा के भीतर विपक्ष के धरने के दिखा रहे पत्रकारों को मार्शलों द्वारा पीटा जाए..
जब रात के 12 बजे एक दलित की बेटी की लाश को पुलिस तेलडालकर फूंक दे..और पत्रकारों को घटना दिखाने से रोक दे इसे लोकतंत्र खत्म होना कहते हैं..लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं जब संभल में संजय राणा नाम के पत्रकार को बीजेपी की मंत्री से सवाल पूछने पर..मनमानी धाराएं लगाकर गिरफ्तार करा दिया जाए..लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं..जब आरक्षण को खत्म करने के लिए ठेके की नौकरियां लॉन्च कर दी जाएं..जब सरकारें गिराने के लिए खुलेआम विधायकों को एक राज्य से भगाकर दूसरे राज्य दूसरे से तीसरे राज्य भगाकर ले जाए जाए..उसे लोकतंत्र का खत्म होना कहते हैं..जब विधायक खरीदे जाएं..जब विधायकों को डराकर सरकारें गिराई जाएं लोकतंत्र खत्म होना उसे कहते हैं..कौन करता है ये..क्यों ऐसा करने वालों को खिलाफ कार्रवाई नहीं होती..संविधान होता..लोकतंत्र होता तो जांचें होतीं..कमेटियां बनतीं लेकिन लोकतंत्र की जगह जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत से देश चल रहा है..संविधान के चीरहरण के तमाम किस्से हैं..सब बताऊंगी तो आप सात दिन तक सुनेंगे और कथा समाप्त नहीं होगी
लंदन में बोलने से ही देशद्रोह कैसे हो गया ?
दोस्तों आज के टाइम पर बात दिल्ली में कहो देहरादून में कहो या फिर दुबई में कहो..यहां से वहां पहुंचने में देर नहीं लगती..फिर लंदन में कहने से ही देशद्रोह हो गया ये कौन सी किताब में लिखा है..क्या ये संविधान में लिखा है..या फिर संविधान को ना मानने वालों को सच्ची बातें हुजूर की शान में गुस्ताखी लगती हैं इसीलिए जो वो कहेंगे वही राष्ट्र्द्रोह होगा..क्या सही गलत संविधान से नहीं पिताजी के हिसाब से तय होगा..राजद्रोह राष्ट्रद्रोह नहीं है..सरकार की आलोचना देश की आलोजना नहीं है..
सरकारी माल ही खरीद रहे हैं सेठ जी
मामला ये नहीं है कि राहुल ने लंदन में क्या बोला..असली मामला ये है कि राहुल गांधी और कांग्रेस संसद में लाडले सेठजी पर क्यों बोलते हैं..विपक्ष संसद में सेठ जी और मोदी के रिश्तों पर बात क्यों करता है…सेठजी दुनियाभर का माल छोड़कर सरकारी माल ही खरीद रहे हैं…तो लोग तो सवाल उठाएंगे ही..और एक ही सेठ खरीद रहे हैं तो कुछ तो बात होगी..जिन देशों के दौरों पर मोदी जी गए उन देशों से सेठजी देर सबेर सौदा कर रहे हैं..तो कुछ तो बात होगी..भारत में सेठजी ज्यादातर उन बड़े सौदों में हाथ डालते हुए पाए गए..जिसके मालिकों पर सीबीआई या ईडी कार्रवाई कर चुकी है..तो कुछ तो बात होगी..यही बातें संसद में कांग्रेस कर रही है..राहुल गांधी ने अगर देश की बुराई की है तो सत्ता पक्ष क्यों संसद ठप कर रहा है..राहुल गांधी को बीजेपी पप्पू कहती है..तो पप्पू की बातों को बीजेपी इतना सीरियस क्यों लेने लगी है कि उनकी बात पर संसद ठप कर रही है..दोस्तों रणनीति साफ है..ना चलेगी संसद ना उठेगा सेठजी का सवाल..सेठजी को जब देश थाली में साजाकर दिया जा चुका है तो फिर संसद का एक सत्र तो कुर्बान किया ही जा सकता है..