यूपी में 259 रोहिंग्या मुसलमान चिन्हित, घुसपैठियों के खिलाफ शुरू हुआ अभियान
जब से असम में NRC लागू हुई है तब से पूरे देश में इसको लागू करने की योजना बन रही है. असम के बाद दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लागू करने की बात कही है.

वैसे ये बात तो बिलकुल सही है की देश के कई बड़े राज्यों में घुसपैठिये रह रहे हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है. इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों कहा था कि जरूरत पड़ने पर एनसीआर (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाएगा. वहीं अब सीएम के इस बयान के बाद पुलिस व खुफिया एजेंसियां हरकत में आ गई हैं. यूपी में एक बार फिर घुसपैठ रोकने और अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर कार्रवाई की कसरत शुरू हो गई है.
यूपी पुलिस इसके लिए सभी जिलों में संदिग्ध बांग्लादेशियों को चिह्नित करने की मुहिम चलाएगी. दरअसल अक्टूबर 2017 में सीएम के निर्देश पर पुलिस ने अवैध घुसपैठियों को चिह्नित करने के लिए चरणबद्ध योजना के तहत कदम बढ़ाए थे, लेकिन उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी थी. उत्तर प्रदेश में 259 रोहिंग्या मुसलमान चिह्नित हैं, जो लखनऊ, मथुरा व कुछ अन्य जिलों में रह रहे हैं.
घुसपैठ करके संदिग्ध बांग्लादेशी काफी बड़ी संख्या में यूपी में आकर बस चुके हैं. इनमें लखनऊ और नोएडा में बड़ी संख्या में संदिग्ध बांग्लादेशी और अन्य विदेशी अप्रवासी रह रहे हैं. वहीं गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर सहित कई बड़े शहरों में भी इनकी बड़ी संख्या होने की जानकारी पुलिस के पास है. अभी हालही में अलग-अलग जिलों में पकड़े गए 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक जेलों में बंद हैं.
यहां आकर बस चुके संदिग्ध बांग्लादेशियों के मूल निवास को प्रमाणित करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए भी संदिग्धों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है.
सीएम योगी ने कहा था कि असम में जिस तरह से एनआरसी लागू किया गया वो हमारे लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकता है. हम वहां के अनुभव को देखते हुए उप्र में भी इसे लागू कर सकते हैं. ये कदम राष्ट्र सुरक्षा के लिए बेहद जरुरी है. इससे गरीबों के अधिकारों को छीन रहे घुसपैठियों को रोकने में मदद मिलेगी.