बीजेपी नेता के रेस्टोरेंट में घुसकर लखनऊ पुलिस ने दिखाई दबंगई
यूपी पुलिस के कई कारनामे देखने को मिल रहे हैं. वहीं लखनऊ पुलिस की भी गुंडई देखने को मिली है. लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में ग्वारी क्रॉसिंग के पास स्थित बीजेपी नेता का रेस्टोरेंट है, जहाँ बृहस्पतिवार को देर रात एक पुलिस अफसर ने जमकर हंगामा मचाया. रेस्टोरेंट के मैनेजर और स्टाफ को भी बुरी तरह मारा. ये रेस्टोरेंट बीजेपी के क्षेत्रीय महामंत्री त्रयंबक तिवारी के छोटे भाई मयंक तिवारी का है. ये घटना बृहस्पतिवार रात करीब आठ बजे की है.
रेस्टोरेंट के मालिक मयंक तिवारी ने बताया

मयंक तिवारी रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे. उसी वक्त डीजीपी मुख्यालय में एडीजी कानून व्यवस्था के स्टाफ ऑफिसर एएसपी राजेश सिंह सादे कपड़ों में रेस्टोरेंट पहुंचा. मयंक ने बताया की रेस्टोरेंट में घुसते ही उस अफसर ने अपना परिचय देते हुए cctv फुटेज दिखाने को कहा. तभी मैंने उन्हें एक कर्मचारी के साथ फुटेज देखने भेजा और मैं परिवार की महिलाओं को घर छोड़ने के लिए जाने लगा. इसी में उस अफसर को गुस्सा आ गया और रेस्टोरेंट के मैनेजर राहुल को थप्पड़ जड़ दिए. जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो उस अफसर ने गालियां देते हुए रेस्टोरेंट को बंद कराने की धमकी दी.
थोड़ी देर बाद एएसपी राजेश ने गोमतीनगर पुलिस को फोन करके वहां बुला लिया. मयंक तिवारी ने बताया की पुलिस भी उस अफसर के साथ मिलकर रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ करने लगे और शटर बंद करवाने लगे.
बीजेपी नेता त्रयंबक तिवारी ने एसएसपी को दी जानकारी
इस हंगामें की सूचना जैसे ही बीजेपी नेता तक पहुंची तो उनके सैकड़ों कार्यकर्ता रेस्टोरेंट पहुंचे. भीड़ बढ़ती देख पुलिस और वो अफसर दोनों तुरंत फरार हो गए. जिसके बाद बीजेपी के क्षेत्रीय महामंत्री त्रयंबक तिवारी ने एसएसपी कलानिधि नैथानी को फोन कर घटना की जानकारी दी. त्रयंबक ने आरोप लगाया की गोमती नगर थाने में तैनात एसआई अमरनाथ सिंह यादव और राजवीर सिंह ने भी रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ की और जेल में डालने की धमकी दी.
एएसपी राजेश सिंह क्यों गए थे रेस्टोरेंट
जनेश्वर मिश्र पार्क के पास मेलोज रेस्टोरेंट से करीब 50 मीटर आगे ऑफिसर एएसपी राजेश सिंह की एसयूवी खड़ी थी. तभी अचानक कहीं से एसयूवी के पिछले हिस्से में एक पत्थर आकर लगा. जिससे उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया. इसी बात से नाराज राजेश वह फुटेज देखने रेस्टोरेंट गए थे.