‘मन की बात’ में ‘जल संकट’ पर बोले PM मोदी, उठाएंगे ये बड़ा कदम, जानें महत्वपूर्ण बातें-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीत कर दूसरी बार सत्ता में वापसी करने के बाद आज रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम में मन की बात कर रहे हैं. मन की बात का ये कार्यक्रम लगभग चार महीने बाद होने हो रहा है.

मन की बात का ये 54वां कार्यक्रम है. और पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. मन की बात शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात करने का मौका मिल रहा है. 2019 का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था. लाखों शिक्षकों अधिकारियों और कर्मचारियों की दिन-रात मेहनत से चुनाव संभव हो पाया है.
- मन की बात, जन की बात, जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला प्रारम्भ कर रहे हैं.
- मन की बात बताता है कि देश की तरक्की में 130 करोड़ देशवासी मजबूती और सक्रियता से जुड़ना चाहते हैं.
- मन की बात मुझे इतनी चिट्ठियां आती हैं लेकिन शिकायतें काफी कम होती हैं और खुद के लिए मांगने का मामला तो न के बराबर होती हैं.
- जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था. जन-जन के दिल में एक आक्रोश था.
- पिछले कुछ महीनों में कई लोगों ने पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में लिखा है. जल संरक्षण पर अधिक जागरूकता देखकर मुझे खुशी हुई.
- पूरे देश में जल संकट से निपटने के लिए कोई फॉर्मूला नहीं हो सकता। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रयास किए जाने चाहिए.
- सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.
- अर्द्धसैनिक बलों के करीब 3 लाख सुरक्षाकर्मियों और राज्यों के 20 लाख पुलिसकर्मियों ने परिश्रम किया है.
- चुनाव आयोग को भी बधाई देता हूं और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूं.
- इस चुनाव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया है.