पीएम मोदी (PM Modi) ने कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या पर चुप्पी साधने वालों को सुनाई खरी-खोटी

जम्मू-कश्मीर में सिखों और हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं और इस बात पर भी पीएम मोदी (PM Modi) ने चुप्पी साधे बैठे विपक्षी दलों..और मानव अधिकारों के लिए कभी-भी प्रदर्शन करने वाले लोगों को इशारों-इशारों में सुना ही दिया..प्रधानमंत्री मोदी जी का कहना है कि एक ही तरह की घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है..और अगर वैसी ही कोई दूसरी घटना दिखती है तो लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता..प्रधानमंत्री के इस बयान को और पिछले दिनों कश्मीर में जो हिन्दुओं की टारगेट किलिंग हुई है उससे जोड़कर देखा जा रहा है..
लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक है सलेक्टिव व्यवहार
मोदी (PM Modi) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर इशारों में एक बात कही..लेकिन बहुत तीखी कही..प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मानव अधिकार पर चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है..पीएम मोदी ने कहा मानव के अधिकारों का सबसे ज्यादा नुकसान तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है..राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है..जब राजनीति के तराजू में नफा-नुकसान के तराजू में तौला जाता है..मोदी का कहना है कि इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी काफी नुकसानदायक है..
अपना हित देखकर मानवाधिकार का विवेचन करना है बिल्कुल गलत
मोदी जी (PM Modi) कहते है कि मानवधिकार का विवेचन कुछ लोग अपने तरीके से अपना फायदा देखकर करते हैं..एक ही प्रकार की घटना को देखकर कुछ लोगों को मानव के अधिकारों को छिनना लगता है..और वैसी ही दूसरी घटना होती है तो उसपर लोगों को मानव अधिकार को मारना नहीं दिखता..और इस तरह की मानसिकता मानव अधिकार को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है..
मानव अधिकार को लेकर भारत हमेशा संवेदनशील रहा है
पीएम मोदी (PM Modi) कहते हैं कि जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही है, भारत ने पूरी दुनिया को अधिकार और अहिंसा का रास्ता बताया है..माहत्मा गांधी (बापू) को देश ही नहीं पूरा विश्व मानव अधिकारों मानव मूल्यों की तरफ बढ़ते हुए देख रहा है..कई दशकों में विश्व के सामने ऐसे कई अवसर आए हैं..जब दुनिया को भ्रमित किया गया है..भटकाया गया है..लेकिन फिर भी भारत मानव अधिकारों के लिए हमेशा आगे रहा है..