PM मोदी का नया नारा, ”सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास”, कहा- बड़बोलेपन से बचें-
नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया है. इसके बाद उन्होने मंच पर आते ही अपने भाषण में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा देते हुए नए सांसदों को कई नसीहतें दीं है.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को अब तक भ्रम में रखा गया, उनके साथ छल किया गया है इस छल में छेद करना है. विजय का उत्सव बेहद शानदार था. पूरी दुनिया में जीत का उत्सव मनाया गया है. पूरी दुनिया भारत का चुनाव देख रही थी. नई ऊर्जा, नई उमंग के साथ आगे बढ़ना है. पूरे विश्व में फैले भारतीयों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया, यह भी अपने आप में हम सबके लिए गर्व का अवसर है.
मोदी ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे कहते थे कि चुनाव बांट देता है. ये लोगों में दूरियां पैदा करता है, दीवार बनाता है, खाई बना देता है, लेकिन इस चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है. इस चुनाव ने दिलों को जोड़ने का काम किया है. ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है. समता भी, ममता भी, समभाव भी, ममभाव भी. समता और ममता से चुनाव को नई ऊंचाई मिलीं है. भारत के लोकतांत्रिक जीवन में देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है और हम इसके साक्षी हैं.
भारत का लोकतंत्र और मतदाता लगातार समझदार हो रहे हैं. जनता ने हमें सेवाभाव के कारण ही स्वीकार किया है. सत्ताभाव से अलिप्त रहने के लिए हमें प्रयास करना होगा. जितना प्रबल सेवाभाव होगा, सत्ताभाव सिमटता जाएगा. एक बड़बोलापन होता है. टीवी के सामने कुछ भी बोल देते हैं.
कुछ लोग सुबह उठकर जब तक राष्ट्र के नाम संदेश नहीं देते हैं, उन्हें चैन नहीं पड़ता है. मीडिया को भी पता होता है कि 6 नमूने हैं. इनके गेट के सामने पहुंच जाओ कुछ ना कुछ बोलेंगे ही. आपको इससे बचना चाहिए.
एनडीए की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंच गए. यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष उन्होंने अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्त किया और उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया. लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट पर है.