मोदी (PM Modi) की रैली में भाड़े की भीड़ पकड़ लाए नरेगा के मजदूर : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
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आम आदमी के लिए चवन्नी निकालने के लिए बीजेपी चार बार सोचती है…लॉकडाउन के मजदूरों के लिए बसें नहीं थीं..जब मजदूरों को घर तक छोड़ा भी तो फ्री फ्री का गाना ऐसे गा रहे थे..जेसे विश्व में पहली बार किसी सरकार ने अपने नागरिकों ने फ्री की सुविधा दी हो..और अब मोदी जी (PM Modi) की रैली में यूपी रोडवेस की..आम आदमी के टैक्स से चलने वाली सरकारी बसें भीड़ ढोने के लिए लगा दी..और किसी ने सांस तक नहीं ली..मोदी जी ने या योगी जी एक बार जी मंच से नहीं कहा हमने फ्री में सरकारी बसों से सरकारी कर्मचारियों को लगाकर लोगों की भीड़ ला रहे हैं..सब घोलकर पी गए..और रैली की भीड़ को ऐसा बता रहे थे..जैसे भीड़ रैली में आने के लिए मरी जा रही हो..

मोदी जी (PM Modi) की रैली में भीड़ मंगाई गई भीड़ है..हमारे यूपी में इसे भाड़े की भीड़ कहते हैं..यकीन नहीं आ रहा है तो अखबारों की कटिंग तो सबूत के तौर पर दिखा ही रही हूं… ये सरकारी चिट्ठी देखिए..बाकायदा आदेश जारी हुए हैं..कि राजा जी आ रहे हैं जनता तो पकड़ पकड़ कर लाओ..जिससे राजाजी को लगे कि मुझे देखने लिए मेरे राज्य की जनता टूट पड़ती है..

योगी जी के इलाके गोरखपुर में खाद फैक्ट्री का और एम्स का उद्घाटन था…नरेंद्र मोदी जी को दिल्ली से उद्घाटन के लिए बुलाया गया..नरेंद्र मोदी जी (PM Modi) दिल्ली से आए..और उद्घाटन किया..और उद्घाटन हुआ..इस भाड़े की भीड़ के बिना भी उद्घाटन हो सकता था..लेकिन यूपी परिवहन विभाग की 3 हजार बसों में से 2 हजार बसें लगाई गईं..बाकायदा डीएम एसडीएम नायब तहसीलदार..टाइप लोगों को भीड़ लाने की जिम्मेदारी दी गई..

मोदी जी (PM Modi) गोरखपुर आए थे..और यूपी के सारे जिलों के एसडीएम नायब तहसीलदार टाइप के लोग टूर एंड ट्रेवल कंपनी के कर्मचारी की भूमिका में थे..इसी तरह यूपी में मोदी जी की रैली में सरकारी बसों में सरकारी कर्मचारियों को भीड़ लाने का ठेका मिलता रहेगा..तो रिटायर होने के बाद ये सब कोई ना कोई टूर एंड ट्रैवल एजेंसी खोल सकते हैं..

खैर दोस्तों नरेगा के मजदूरों को बसों में भर भरकर लाया गया..जिस नरेगा को मोदी जी (PM Modi) कांग्रेस का पाप बताते थे..अब उसी नरेगा के मजदूरों को मोदी जी ने नरेगा से निकालकर रैली की भीड़ बढ़ाने के लिए लगा लिया है…चलिए 8 सालों में मोदी जी ने नरेगा में कुछ नया तो किया..सिवा नरेगा का बजट बढ़ाने के…

चलो मोदी जी (PM Modi) ने ऐसे ही सही नरेगा के मजदूरो को गड्ढे खोदने से रोका तो सही..जिस दौर में कंपनियां बेची जा रही हैं..राष्ट्रीय बैंकों को निजी हाथों में देने की तैयार चल रही है..जिस कोरोना के दौर में सरकार वैक्सीन का खर्च पेट्रोल और डीजल से वसूल रही है..उस दौर में खाद फैक्ट्री और एम्मस का उद्घाटन घर या दिल्ली से रिमोट दबाकर भी किया जा सकता था..अगर रैली करके उद्घाटन नहीं होता तो खाद फैक्ट्री खाद बनाने से मना नहीं कर देती..अगर भाड़े की भीड़ बुलाकर रैली नहीं की जाती तो एम्स में रोगी भर्ती होने से मना नहीं कर देते..लेकिन अगर रैली करके डंका नहीं पीटते तो लोगों को पता कैसे चलता कि यूपी में कुछ बना दिया गया है..

हमारे योगी जी यूपी के मुख्यमंत्री हैं उद्घाटन की कैंची चलाना उनको भी आता ही होगा..लेकिन मोदी जी (PM Modi) ही उद्घाटन करेंगे..मोदी जी यूपी में उद्घाटन स्पेशलिस्ट बन गए हैं..यूपी में लोग मारे मारे फिरते रहे..यात्री बसें खोजते रहे लेकिन बसें तो मोदी जी के समाने जनता परोसने की सेवा में लगी थीं..

मैं दो चीजें पूछना चाहती हूं..क्या फैक्ट्री और एम्स के उद्घाटन का कार्यक्रम सरकारी था..अगर कार्यक्रम सरकारी था..पूरे यूपी से लोगों को लाद लादकर लाने की क्या जरूत थी..ये लोग नौकरी देने के लिए तो बुलाए नहीं गए थे..और अगर ये बीजेपी (PM Modi) की रैली थी तो फिर मुख्यमंत्री याोगी आदित्यनाथ को कोई अधिकार नहीं है कि वो एक पार्टी की रैली कराने के लिए यूपी के लोगों के टैक्स से चलने वाली संपत्तियों का बेजा इस्तेमाल करके..

पीएम (PM Modi) केयर फंड का इस्तेमाल कहां हो रहा है..इसका कोई अता पता नहीं है…लेकिन दोस्तों आपके टैक्स का इस्तेमाल..आपके टैक्स से चलने वाली सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल रैलियों के लिए किया जा रहा है..जितने पैसे उद्घाटन में खर्च किए हैं..उतने में फैक्ट्री के सैकड़ों कर्मचारिओं को महीनों तक वेतन मिल सकता था..मैं तो यहां तक कहती हूं कि जितने में केवल उद्घाटन कराया है उतने में दूसरी छोटी मोटी फैक्ट्री खड़ी हो सकती थी..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.

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