घोटाले में फंसा मोदी का ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना प्रोजेक्ट, किसानों में हड़कंप
Ulta Chasma Uc : मोदी सरकार शुरू से ही सबके घोटाले का खुलासा कर रही है. पर आज मोदी सरकार खुद घोटाले में फंस गई है. उत्तर प्रदेश में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ की आउटसोर्सिंग के लिए जारी टेंडर में बड़े स्तर पर धांधली सामने आई है. जिससे मोदी और योगी सरकार व पूरे कृषि विभाग में हड़कंप मच गया है. इस बड़ी धांधली को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर की है.

9 अधिकारी निलम्बित
योगी की नाराजगी को देखते हुए बुधवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बड़ी कार्यवाही करते हुए महत्वाकांक्षी योजना ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ की आउटसोर्सिंग के लिए जारी टेंडर में बड़े स्तर पर धांधली में शामिल सभी 9 आलाधिकारियों को निलम्बित कर दिया है और टेंडर में शामिल सभी चारों कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इसके अलावा सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश जारी किया गया है.
इस तरह हुई धांधली
मिट्टी की जांच के लिए बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, अलीगढ़ और मेरठ के मंडलों में मनमाने तरीके से टेंडर देने में घोटालेबाजी की गई. अधिकारियों ने टेंडर के साथ लगाए गए फर्जी दस्तावेजों की भी जांच नहीं की और ज्यादा पैसे में टेंडर पास कर दिया. इस घोटाले में 9 अधिकारियों के नाम सामने आये हैं, इनमें दो संयुक्त निदेशक, पांच उप निदेशक व दो सहायक निदेशक शामिल हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं.
क्या है ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना ?
किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच के लिए 19 फरवरी 2015 को महत्वाकांक्षी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना का शुभारंभ किया था, जिसमें किसानों को अपने खेत की मिट्टी विभाग को जांच के लिए देनी थी ताकि मिटटी के प्रकार के आधार पर ही किसानों को उनके खेतों के लिए सबसे उपयुक्त पोषक तत्वों के लिए सही सलाह दी जा सके.
Web Title : pm modi ambitious project soil health card reveals big scam
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