दुष्कर्म पीड़िता के खून में पहुंचा खतरनाक बैक्टीरिया, एंटीबायोटिक बेअसर, एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा

उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता रायबरेली सड़क हादसे के बाद से उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है. 10 होने को हैं मगर अभी तक उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है.

physically exploitation victim dangerous bacteria infection in blood
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चार विभागों के डॉक्टरों की टीम उनका इलाज करने में लगी हुई है. एम्स की तरफ से बुधवार शाम को जारी हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि दोनों की हालत अभी भी बहुत गंभीर बनी हुई है. वकील अब भी बेहोश हैं. दोनों का इलाज करने के लिए क्रिटिकल केयर, आर्थोपैडिक, ट्रॉमा सर्जरी और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की टीम लगी हुई है. उन्हें एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.

वहीं अब खबर ये आ रही है कि पीड़िता के खून में इलाज के दौरान बैक्टीरिया हावी था. जिस कारण लखनऊ ट्रामा सेंटर में उसके ऊपर दवाइयां बेअसर थीं. रक्त में खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया है जिससे उसकी रोगों से लडऩे की क्षमता खत्म हो गई है. मल्टीपल फ्रैक्चर की वजह से उसके शरीर में अंदरूनी रक्तस्राव हुआ था. और करीब ढाई लीटर खून की कमी की वजह से वो अवचेतन में चली गई है.

विशेषज्ञों ने इसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस करार दिया है. उनका कहना है कि ये बैक्टीरिया काफी रेयर है और ये मल में पाया जाता है. ये ब्लड में कैसे पहुंचा इसका पता लगाया जाना चाहिए. इस बैक्टीरिया की वजह से दवाएं बेअसर हो जाती हैं. वहीं ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान पीड़िता का कल्चर टेस्ट किया गया था जिसकी रिपोर्ट सामने आई है. ये रिपोर्ट अब एम्स भेज दी जाएगी.

ब्लड में बैक्टीरिया होने से अब सेप्टीसीमिया से निबटना चुनौती होगी. लैब में ड्रग सेंसिटीविटी टेस्टिंग में इस दौरान सात एंटीबायोटिक दवाओं की जांच की गई। उसमें से पीड़िता पर छह एंटीबायोटिक बेअसर पाई गईं है. विशेषज्ञों ने बताया है कि ये ख़तरनाक बैक्टीरिया मरीज के चेस्ट ट्यूब डालने, इंडोटै्रकियल वेंटिलेटर ट्यूब से, दवा देने के लिए डाली गई सेंट्रल लाइन से, यूरिन कैथेटर से और साफ-सफाई का ध्यान न रखने से फैलता है.