कठुआ सामूहिक दुष्कर्म में 6 दोषी करार, 3 को उम्रकैद, 3 को मिली पांच-पांच साल की सजा

सोमवार को कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी फैसला सुना दिया है. जिसमें 6 लोगों को दोषी करार दिया गया है और उन्हें सजा भी सुना दी गई है.

pathankot court verdict kathua gangrape case
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मामले में कुल सात दाषी थे. तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा और तीन आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. और एक को बरी कर दिया गया है. जिनको उम्रकैद मिली है उसमें मंदिर के संरक्षक और ग्राम प्रधान सांझी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और प्रवेश कुमार शामिल हैं. इनपर एक-एक लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया है.

वहीं 5-5 साल की सजा वाले आरोपियों में एसपीओ सुरेन्द्र कुमार, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हेड कांस्टेबल तिलक राज शामिल हैं. इन पर भी 50-50 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया गया है वहीं सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है.

पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस मामले में ट्रायल 3 जून को ही पूरा हो गया था. मामले की सुनवाई जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने की है. दाखिल की गई 15 पन्नों की चार्जशीट के अनुसार, कठुआ जिले के रसाना गांव में पिछले साल 10 जनवरी को आठ साल की एक बच्ची का अपहरण कर लिया गया था. उसके बाद गांव के एक मंदिर में कथित तौर पर उसके साथ चार दिन दुष्कर्म किया गया और फिर लाठी से पीट कर हत्या कर दी गई थी. लापता होने के 7 दिनों बाद 17 जनवरी को जंगल में बच्ची की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली थी.

कोर्ट ने 8 जून 2018 को सात आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए थे. जिसमें कुल 221 गवाह बनाए गए हैं. 55वें गवाह के रूप में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पेश हुए. 56वें गवाह के रूप में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के एक्सपर्ट को पेश किया गया था. जब से केस की सुनवाई शुरू हुई, तब से अब तक सभी तारीखों पर सुनवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई है.

दूसरी ओर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की उम्मीद थी. जम्मू-कश्मीर सरकार इसके लिए हाई कोर्ट में अपील करें.