सदन (Parliament) से बिस्तर तक : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
PRAGYA KA PANNA

दोस्तों बर्क जैसे.. यती जैसे.. और रमेश कुमार जैसे लोगों की वजह से लड़कियों को सांसटिंस बनाने की उम्र में दुल्हन बना दिया जाता है..पुलिस बनाने की उम्र में बच्चा पालने को दे दिया जाता है..इसीलिए कहती हूं..नई सोच और समझ वाले लोगों को संसद (Parliament) और विधानसभा पहुंचाओ..धर्मों में मत बटो दोनों तरफ रमेश और बर्क हैं..टैबलेट लैपटॉप और टिकटॉक के जमाने में बैलगाड़ी छाप नेताओं का सबसे पहले पत्ता साफ करो..

वर्ना ये बलात्कार की स्थिति में लेट कर इंज्वाय करने को बोलेंगे (Parliament)..बिना बात के आवारा होने के सर्टिफिकेट देंगे..लड़कियों की किस्मत सोकर जागती है..मंदिरों में बैठकर ये बताते रहेंगे..आप ज्यादा बोलेंगी तो आपको बिस्तर से उठाकर सीधे दुर्गा काली..लक्ष्मी बना देंगे..दोस्तों आज मैं..कर्नाटक के कांग्रेस विधाक..सपा के सांसद बर्क और मंदिर के पुजारी यति की बात करने वाली हूं..

आज लोकतंत्र के मंदिर और भगवान के मंदिर दोनों मंदिरों में बैठने वालों की दो कौड़ी की मानसिकता के बारे में बता करूंगी..दोस्तों फेसबुक पर देख रहे हैं तो फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब जरुर करिए..कर्नाटक में विधानसभा के भीतर कांग्रेस का विधायक कहता है कि अगर बलात्कार रोका ना जा सके तो जिस पोजीशन में हो उसी पोजीशन में लेट कर आनंद लो…यानी बलात्कार को सुहागरात में बदल दो..

नेतागिरी बड़ी कुत्ती चीज है ये मैं जानती हूं..लेकिन विधानसभा के भीतर बोलने और भौंकने में भी अंतर नहीं रह जाएगा ये नहीं मालूम था..कांग्रेस का एक विधायक एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ये समझ ही नहीं पा रहा था कि वो विधानसभा में खड़ा है या कोठे में..दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष इस बात पर ठहाके लगा रहे थे..उनको भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो विधायक को सुन रहे हैं या मस्तराम की कामुख कहानियां…

विधानसभा (Parliament) में किसानों की बात पर हंगामा हो रह था..हंगामा रुक नहीं रहा था..तो कांग्रेस विधायक ने घटिया कहावत निकाली..बोले अगर बलात्कार रोका ना जा सके तो जिस पोजीशन में हो उसी पोजीशन में लेट कर आनंद लो..भरी विधानसभा के भीतर विधायक के सुनाए जा रहे लतीफे पर अध्यक्ष हंस रहे थे..ये विधायक उन्हीं प्रियंका गांधी जी की कांग्रेस पार्टी के हैं..जो प्रियंका गांधी यूपी में लड़की हूं लड़ सकती हूं कहती हुई घूम रही हैं..प्रियंका यूपी में लड़कियों को लड़ना सिखा रही हैं..और उनके विधायक लेटे रहना..और उसी पोजीशन को एंज्वाय करना..

अभी खत्म नहीं हुआ है..मोबाइल के बैक बटन से उंगली हटा लीजिए..इनको सुनिए..लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल होने जा रही है..तो समाजवादी पार्टी के सांसद (Parliament) सफीकुर्ररहमान बर्क को लगता है कि 18 से 21 के बीच यानी 4 साल का समय बढने से लड़कियां आवारा हो जाएंगी..हालात बिगड़ जाएंगे..

समझ रहे हैं आप बर्क का कहना है कि शादी के जो चार साल बढ़ने जा रहे हैं उन चार सालों तक लड़कियां अपनी जवानी संभाल नहीं पाएंगी..हालात खराब हो जाएंगे..सुनो मिस्टर बर्क तुम सांसद होगे अपने घर के..ये ज्ञान अपने पास रखो..ये तुम्हारी राजनीति नहीं है..तुम जैसे लोग अपनी लोकसभाओं में बच्चियों को उनका भविष्य नहीं दे पाते हो..

उनके करियर के लिए एक ढेला काम नहीं करते हो..तुम जैसे सांसदों को लगता है कि जवान होते ही लड़कियों की जवानी फूटने लगती है..उनको तत्काल की मर्द की आवश्यता होती है..तो ये तुम्हारी सोच है..जवान होते ही लड़कियां जहाज उड़ाना चाहती हैं..जवान होते ही लड़कियां संसद (Parliament) में जाना चाहती हैं..जवान होते ही लड़कियां इंजीनियर डॉक्टर पुलिस बनना चाहती हैं सेना में जाना चाहती हैं..लेकिन तुम जैसे लोगों की सोच उनको चूल्हों तक और सुहागरात के बिस्तर तक पहुंचा देती हैं..

लड़कियां अगर 21 साल में शादी करेंगी तो आवारा हो जाएंगी..है ना मिस्टर बर्क..लड़के जिनकी शादी की उम्र पहले से 21 साल है..वो तो अब तक आवारा ना हुए..सांसद बन रहे हैं.. उनके आवारा होने का खतरा नहीं होता..उनके भीतर सहवास..मिलन..और सेक्स वाले हारमोन डेवलप नहीं होते क्या..ये ठेकेदारी लड़कियों की है क्या..आवारा हो जाएंगी..लड़कियों के भविष्य का प्रबंध ना कर पाओ तो खूटे से बांध दो..लड़कियों की प्रगति के लिए उनकी पढ़ाई के लिए..कुछ ना करना हो तो उनके आवारा होने की भविष्यवाणी कर दो….

अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लो..कितनी लड़कियों को पढ़ने के लिए विदेश भेजा है आपने.. कितनी लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने में मदद की कितनी लड़कियों को कॉमर्शियल शिक्षा दिलाई बर्क साहब और कितनी आवार हो गईं..मैं आपसे पूछ रही हूं अगर है ऐसी आवारा लड़कियों की लिस्ट तो कमेंट करके बताईये….

बर्क साहब बच्चियों को हाई स्कूल इंटर तक पढ़ा देना ही कद्दू में तीर मार देना नहीं है..असली सफर तो हाई स्कूल इंटर के बाद शुरू होता है..और इस सफर में आप जैसे सांसद लोग लड़कियों का कभी साथ नहीं देते..ये अच्छा चलन चला है कि लड़कियों जिम्मेदारी से बचना हो तो उनको आवारा कहकर ही पल्ला झाड़ लो..

बर्क की इस बात से एक ही बात ठीक हुई है कि स्मृति ईरानी के भीतर की नारी जागृत हुई है..बीजेपी की जो पावरफुल महिलाएं यती के निहायती गंदे भौदे प्रपंच पर मुंह पर टेप मारकर बैठी थीं…उनके मुहं से टेप हटा है ये खुशी की खबर है..

सनातन संस्कृति के ढोंगी ध्वजवाहक ने भी कहा था कि राजनीति में महिलाएं जब तक एक नेता से दूसरे के पास और दूसरे से तीसरे के पास नहीं जाती हैं तब तक उनका काम नहीं बनता..दोस्तों जो लोग सदनों में पोर्न फिल्में बैठकर देखते हों..उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते..जो रेप के समय लेटे रहने के समर्थक हों उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते..

जो समाज के बाबा लोग समाज में उंचे ओहदों की तरफ बढ़ रही महिलाओं को नेताओं की रखैल कहकर संबोधित करें…उस समाज के ठेकेदारों पर हिंदुस्तान की महिलाएं बेटियां लड़कियां कितना भरोसा कर सकती हैं..एक सरकार होने के नाते हमारा नुमांदा होने के नाते इनको लगता है इन्होंने 5 किलो राशन फ्री में दे दिया..हाई स्कूल इंटर तक जैसे तैसे पढ़ाई करवा दी और बन गए समाज के मसीहा..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.