मस्जिद में मांस फेकने वाले पंडित जी धरे गए : संपादकीय व्यंग्य

प्रज्ञा चाची की चुगली – हाय दईया..अयोध्या मा महेश मिश्रा..प्रत्यूष श्रीवास्तव..नितिन कुमार..दीपक कुमार गौड़.. बृजेश पांडेय..शत्रुघ्न प्रजापति..विमल पांडेय जैसे लोग हिंदू मुसलमान के बीच दंगा कराने के लिए रात मा मस्जिद के भीतर मांस और धर्मिक किताब के फटे पन्ने फेंकते हुए धरे गए हैं..चिंटू की मम्मी कहीं..बताओ एक समय था जब लड़िका लोग रात रात भर जाकर पढ़ाई लिखाई करते थे..लड़िका लोग रात रात भर जागकर सोना बाबू से थाना थाया कि नहीं खाया पूछते थे..
(meat in ayodhya masjid) पहिले के लड़िका लोग प्यार मोहब्त मा दंगा फसाद करते थे..और आज के लड़िका बच्चा लोग मस्जिदन मा मांस फेंक रहे हैं..उ तो भला होए अयोध्या की पुलिस का..जो बिल्कुल निष्पक्ष काम की है..पहली बार यूपी के किसी जिले की पुलिस से यूपी की जनता खुश हुई है…अवनीश अवस्थी तो इतना खुश होई गए कि अयोध्या पुलिस का एक लाख रूपए का ईनाम देवे की घोषणा किए हैं..
दूसरे देशन मा लड़ाई के लिए गोला बम बारूद की जरूरत पड़ती है..हमारे देश मा मांस का टुकड़ा ही बारूद का काम करता है..पंडे जी मिश्रा जी..प्रजापति जी..श्रीवास्तव जी के लड़िका लोगन ने सोचा रात को मांस फेकेंके सुबह इतनाबड़ा बड़ा धमाका होएगा कि पूरा भारत इकी गूंज सुनेगा..बीजेपी वाले बर्मा जी की दुल्हिन कहीं..इतनी लंबी पिलानिंग आज के लड़िका लोग कहां सीखते हैं..इतनी दूर की तो बर्मा जी भी नाही सोच पाते हैं..चिंटू की मम्मी कहीं इस सब ओवर कॉन्फीडेंस मा मारे गए हैं..
(meat in ayodhya masjid) इनका सबका लगा अपनी सरकार है..अपनी सरकार मा अपने खिलाफ कउन माईका लाल बोलेगा..मस्जिद मा मांस फेकेंगे सारा हिंदू हमारा नाम..गर्व से लेगा..इतिहास में हमारा किस्सा दर्ज होगा..लेकिन उनको नाही मालूम था..कि टुच्चे पने..ऐसे नीच काम..ऐसे दोगलापने..ऐसे नामर्दों वाले काम से नाम इतिहास में नहीं थाने के रजिस्टर में लिखा जाता है..बीजेपी वाले बर्मा जी बोले..इ सब चिटू पिंटू लोग समझत हैं कि योगी जी इ सब कामन से खुश होत हैं लेकिन अब उ दिन गए योगी जी यूपी के मुख्यमंत्री हैं..उनका जो संदेश देये का रहै बुलडोजर से दई दिए…योगी जी प्रधानमंत्री की रेस मा हैं..और बड़ी रेस जीतै के खातिर बड़ा बनना पड़ता है
(meat in ayodhya masjid) हम कहे बीजेपी वाले बर्मा जी बहुत दूर की और भीतर की बात निकाले हैं..इका मतलब ई है कि यूपी मा अब दंगा नाहीं हुई सकत..महेश मिश्रा होएं या मोहम्मद फुरकान सरकार दुनहुन के बराबर पकड़ेगी कान चिंटू की मम्मी कहीं वैसे बीजेपी सरकार ठीक है अगर अइसे दंगाई चिंटू पिंटू कंट्रोल मा रहें तो जनता का घूस भ्रष्टचार बदहाली..बेरोजगारी..गरीबी के अलावा कउनो नई तकलीफ नाहीं है