हनीट्रैप के ट्रिगर पर कश्मीरी युवा
Ulta Chasma Uc : घाटी में आतंकियों की साजिश का सबसे नया खुलासा हुआ है. बंदूक नहीं अंखियों से गोली चला रहे हैं आतंकी, नयनों के बारूद से घाटी को दहलाने की साजिश रची जा रही है. हाफिज के सारे मोहरे फेल अब बुर्के के भरोसे आतंक की बिसात बिछाई जा रही है. कश्मीर में सेना के आगे आतंकियों की कमर टूट चुकी है. आतंकियों की बंदूकों का बरूद सूख चुका है. आधे से ज्यादा आतंकी कमांडरों का सफाया हो चुका है.
सेना के आगे घाटी में हाफिज के प्यादों की सारी मर्दानगी धरी की धरी रह गई. पाकिस्तान की कोई चाल कश्मीर में कामयाब नहीं हुई तो बे-ईमान हाफिज ने बुर्के की आड़ ले ली है. आतंक की सबसे नई चली है.
ये चाल है हनीट्रैप की चाल हनीट्रैप की ऐसी चाल आपने पहले नहीं सुनी होगी हनीट्रैप के ट्रिगर पर कश्मीर के जवान लड़के हैं. इतिहास हनीट्रैप के किस्सों से भरा पड़ा है. आतंकियों की बर्बारता की कहानियों में भी हनीट्रैप की एक बढ़कर एक दुर्दांत कहानियां हैं. लेकिन कश्मीर में पाकिस्तान ने हनीट्रैप का सबसे सस्ता प्लान लॉन्च किया है.
यहां बुर्के वाली महिलाएं अपने जिस्म का इस्तेमाल करती हैं. लड़कों को फंसाती हैं. उनसे मिलने की कीमत के तौर पर एक शर्त रखी जाती है. और वो शर्त एक जगह से दूसरी जगह जाने की होती है.
कश्मीर में हसीनाएं अपनी अदाओं से बारूद का बिजनेस कर रही हैं, एक मुलाकात की कीमत, इंसानों का खून होता है. हाफिज के ट्रेनिंग कैंप से निकली आतंकी हसीनाएं अपने हुस्न के दम पर वो नेटवर्क चला रही हैं. उन नौजवानों को अनजाने में आतंकी चाल में फंसा रही हैं. जो किसी भी खुंखार आतंकी के लिए कभी मुमकिन नहीं हो पाता.

घाटी में जालिम हसीनाएं दो मीठे बोल बोलकर युवाओं को बारूद के ढेर पर बिठा रही हैं. हनीट्रैप का जाल बनने वाली एक विषकन्या पकड़ी गई है. जो नौजवान लड़कों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर उनको आतंक के रास्ते पर धकेलती थी. और सीमा पर हथियारों की तस्करी कराती थी
17 नवंबर को पकड़ी गई विष कन्या ने खुलासा किया कि वो इंटरनेट के जरिए फेसबुक पर और इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान से आए आदेशों का पालन करती थी. सईद शाजिया नाम की महिला लड़कों को फंसाती थी ये भी खुलासा हुआ कि घाटी में ऐसी तमाम महिलाएं हनी ट्रैप कर रही हैं
हनीट्रैप की ABCD क्या है ?
- सोशल नेटवर्क पर बिछाया जाता था हनीट्रैप का जाल
- ये आतंकी कन्याएं पहले मीठी-मीठी बातें करती हैं
- फिर मुलाकात का वक्त तय करती हैं
- मुलाकात के लिए लड़कों को माननी पड़ती है शर्त
- मिलन की शर्त के मुताबिक किसी मेहमान को रास्ता बताना होता है
- उनका सामान एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना होता है
जो महिला सेना के शिकंजे में आई वो भी फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों से प्यार का जाल बिछाती थी उसके तमाम सोशल मीडिया अकाउंट्स थे जिसे घाटी के युवा फॉलो करते थे. पिछले साल सितंबर में पुलिस ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर अबु इस्माइल और छोटा कासिम को ढेर किया था
अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में दोनों शामिल थे. जिसमें 8 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी. इसी मामले की जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने आसिया शाजिया की निगरानी शुरू की थी श्रीनगर सिटी के बाहरी इलाके में हुई मुठभेड़ की जगह से दस्तावेज मिले थे जो ये बता रहे थे कि सईद शाजिया ने इस हमले के लिए हथियार मुहैया कराए थे
घाटी की विष कन्या जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के संपर्क में थी. हनीट्रैपिंग की कामयाबी का आलम ये था कि शाजिया ने पुलिस अधिकारी को भी हनी ट्रैप के जाल में फंसा रखा था. स्पेशल पुलिस ऑफिसर को पकड़ा गया है. जिसने शाजिया को ये जानकारी दे दी थी कि उसके फोन की निगरानी पुलिस कर रही है. स्पेशल पुलिस अधिकारी का नाम इरफान है. जो शाजिया तक सूचनाएं पहुंचाता था..इस सनसनीखेज केस के खुलने के बाद घाटी में हाफिज के हनीट्रैप नेटर्क का सफाया किया जाने लगा है
घाटी में हुई विषकन्या की गिरफ्तार की खबर चौंकाने वाली है. पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हो चुका है. जो इमरान खान भारत से दोस्ती के गीत गा रहे हैं. उनकी कथनी और करनी का भेद खुलकर सामने आ गया है.
कश्मीर में आतंकी साजिशों पर इमरान खान का मुंह कभी नहीं खुलता. जिसके रहमो करम पर इमरान खान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठे हैं उस आतंक के सरगना और ग्लोबल ईनामी आतंकी हाफिज पर कुछ नहीं बोलते. हाफिज के इशारे पर कश्मीर में आतंकियों की जड़ें मजबूत करने के लिए विष कन्याओं को काम पर लगा दिया है.
लेकिन हाफिज की इस साजिश का भी खुलासा हो चुका है. युवाओं को जिस्म के जाल में फंसाने से पहले हनीट्रैप के मामले बड़े अधिकारियों से खुफिया जानकारी निकलवाने के लिए सामने आते थे. लेकिन घाटी में हनीट्रैप की घटिया चाल का खुलासा हुआ जहां आतंक फैलाने के लिए जेहाद के लिए सुंदर लड़कियों के शरीर को हथियार बनाया जा रहा है..
कैसे होता था हनीट्रैप ?
- भारत में छिपे पाकिस्तानी स्लीपर सेल खास किस्म का डाटा इकट्ठा करते हैं
- इस डाटा में भारत के अलग-अलग शहरों में डिफेंस में काम करने वाले लोग होते हैं
- यंग साइंटिस्टों के नाम, उनका पता, जन्म तारीख, ईमेल आईडी जुटाई जाती है
- घर बार और सोशल मीडिया प्रोफाइल से जुड़ी सारी जानकारियां जुटाई जाती हैं
अब घाटी में हाफिज ने बदल दी हनीट्रैप की परिभाषा-
अब तक के मामलों में देखा गया है कि आईएसआई की डिफेंस के मामलों में हाईली क्वॉलिफाइड टीम फेसबुक पर फ़र्ज़ी आईडी की मदद से लड़की बनकर कर पहले भारत के अधिकारियों से दोस्ती करते थे और फिर चैटिंग. अधिकारियों को हनी ट्रैप करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फेसबुक के इस अकाउंट की कोई भी जानकारी सच नहीं होती
शिकार को अपने जाल में कैसे फंसाया जाए इसको लेकर इस टीम को बेहद खास ट्रेनिंग भी दी जाती है. हनी ट्रैप के लिए अश्लील चैटिंग से लेकर डमी महिला मॉडल के जरिये इरोटिक लाइव सेक्स विडियो कॉलिंग तक की मदद ली जाती है. मुलाकात का झांसा दे देकर युवा अधिकारियों से उनके विभाग की सभी खुफिया जानकारी हासिल करने की हर मुमकिन कोशिश की जाती थी..अधिकारियो को छोड़कर घाटी में आतंकी आम युवाओं को आतंकी की तरफ धकेल रहे हैं और इसके लिए अस्तेमाल की जा रही हैं खूबसूरत कन्याएं. भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी को पाकिस्तान की इस नई और बेहद खतरनाक साजिश के बारे में पता चल चुका है जिसके बाद घाटी से सोशल नेटवर्कों पर कड़ी नजर रखी जा रही है
एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के भारत में छिपे स्लीपर सेल में कुछ महिलाएं भी सदस्य हो सकती हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए आने वाले वक्त में देश के अलग-अलग शहरों में कई और छापेमारी और धरपकड़ हो सकती हैं..
Web Title : Pakistani Terror Groups Developing Women to ‘Honey Trap’ Youth in Kashmir
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