आतंकवादी ‘मसूद अजहर’ को मरा न समझें, पाकिस्तानी सेना ने उसे यहाँ छिपा रखा है, देखें-
पुलवामा आतंकी हमले के सरगना मसूद अजहर की मौत की अटकलें अचानक रविवार को तेज हो गईं. ये कहा जा रहा है कि 26 फ़रवरी को भारतीय सेना में जब पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया था तो वहां छिपे सभी आतंकियों के साथ सरगना मसूद अजहर की भी मौत हो गई है.

मगर जैश ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है. कुछ खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादी मसूद अजहर को सेना के अस्पताल से रविवार शाम 7.30 बजे बहावलपुर के गथ घानी स्थित जैश कैंप में शिफ्ट कर दिया है. अजहर को उसके आतंकी कैंप भेजे जाने के कुछ देर बाद ही आतंकी संगठन जैश ने अपना बयान जारी कर दिया और इमरान खान सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है. उसने इमरान सरकार पर भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने झुकने का आरोप लगाया है.
आपको बतादें कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संस्थापक मसूद अजहर के गुर्दे खराब हो गए हैं और वो पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सेना अस्पताल में नियमित डायलिसिस करवाता है. और जब भारतीय सेना ने 26 फ़रवरी को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया था तो मसूद अज़हर पाकिस्तानी सेना के अस्पताल में ही था. और अपना इलाज करवा रहा था.
सूत्रों से ख़बर ये भी आ रही है कि जिस वक्त भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की थी उस वक्त अजहर की सुरक्षा के लिए 10 पाकिस्तान स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडो को तैनात किया गया था. जैश ने एक बयान में कहा है कि अजहर जिंदा है और अच्छा कर रहा है. उसने यह भी स्वीकार किया कि भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में उसके ठिकाने पर हमला किया था, लेकिन इससे उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है.
पुलवामा में CRPF जवानों के काफ़िले पर हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर कभी भारत की जेल में चक्की पीसता था. मगर सन 1999 में आतंकवादी मसूद अजहर के गुर्गों ने भारत पर हमला करके उसको भारत के कब्ज़े से छुड़ा लिया.
इन खूंखार आतंकियों के छूटने के बाद देश पर फिर से हमले शुरू हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन हमलावरों ने 1 अक्टूबर 2001 में विधानसभा भवन पर कार बम से हमला किया था जिसमें 38 लोग मारे गए थे.
उसके बाद 2001 के ही 13 दिसंबर को आतंकी संगठन लश्करे तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकवादी भारत के संसद भवन में घुस गए थे. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन के कर्मी मारे गए थे.
24 सितंबर 2002 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अक्षरधाम मंदिर पर हमला कर दिया था. जिसमें 31 लोग मारे गए थे.
अब 14 फ़रवरी 2019 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने भारत पर अबतक का सबसे बड़ा हमला किया है. जिसमें 44 CRPF के जवान शहीद हो गए थे. ये आतंकी हमला जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दोपहर बाद 3:15 बजे हुआ था. आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस बड़े हमले की जिम्मेदारी ली थी.