योगी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने लौटाया अपना विभाग, पत्र लिखकर लगाया आरोप
मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधने वाले बीजेपी के प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं. इस बार उन्होंने एक बड़ी घोषणा कर दी है.

योगी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर इस बार पिछड़ा वर्ग आयोग की कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति पर नाराज हो गए हैं. और अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री व बीजेपी नेतृत्व पर अपनी उपेक्षा व अपमान का आरोप लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने अपना पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग लौटाने की घोषणा भी कर दी है.
इसके साथ ही उन्होंने नाराज़गी भरे पत्र में लिखा है कि मैंने आयोग की सदस्यता के लिए अपने पास आए 28 आवेदकों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री को भेजी थी. लेकिन उसमें से एक को भी सदस्य नहीं बनाया गया. मैंने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके कार्यालय में नोट करा दिया है. जैसे ही मुलाकात होगी मैं ये पत्र मुख्यमंत्री को सौंप दूंगा.
वहीँ ओमप्रकाश राजभर के नाराज़गी भरे पत्र की ख़बर मिलते ही उनके मान-मनौव्वल का दौर सरकार ने शुरू कर दिया है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने राजभर के आवास पर जाकर उनसे लगभग एक घंटा बातचीत की. डॉ. शर्मा ने पूरे प्रकरण की जानकारी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को फोन पर दी. डॉ. दिनेश शर्मा ने वहां से आने के बाद कहा कि राजभर कतई नाराज नहीं है. वह सरकार के साथ हैं.
इससे पहले भी ओमप्रकाश राजभर जनता को सम्बोधित करते हुए सरकार पर निशाना साध चुके हैं. राजभर ने ये साफ कह दिया था कि मुझे मंदिर-मस्जिद नहीं चाहिए, बल्कि शिक्षा में विकास चाहिए. मेरा तो सरकार से हटने का मन हो गया है, लेकिन मेरे कार्यकर्ता मुझे मना कर रहे हैं.