ओम बिड़ला बने लोकसभा के नए अध्यक्ष, कांग्रेस-तृणमूल ने किया समर्थन
सारे अनुमानों और अटकलों पर विराम लगाते हुए राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला को आज 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है. उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है.

पीएम मोदी ने लोकसभा के नए स्पीकर के मामले में अनुभव और ऊर्जावान युवा चेहरे को तरजीह दी है. कांग्रेस, तृणमूल, द्रमुक और बीजद समेत कई दलों ने इसका समर्थन कर दिया है. इसके बाद मोदी खुद उन्हें चेयर तक लेकर आए. बतादें कि ओम बिड़ला को इस पद पर बिठाने के पीछे भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग भी रही है. बिड़ला महाजन तबके से आते हैं. महाजन तबका भाजपा का परंपरागत वोट बैंक रहा है.
ओम बिरला राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं. ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटा में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्रसंघ चुनाव से की. बिड़ला 2003, 2008 और 2013 यानी तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे डर है कि बिड़लाजी की नम्रता और विवेक का कोई दुरुपयोग न कर ले.
हम सबके लिए गर्व की बात है कि स्पीकर पद पर आज हम ऐसे व्यक्ति का अनुमोदन कर रहे हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति से ही जीवन का सर्वाधिक उत्तम समय, बिना किसी ब्रेक के समाज की किसी न किसी गतिविधि में व्यतीत किया है. गुजराज में जब भूकंप आया था तो वे लंबे समय तक अपने इलाके के साथियों के साथ वहीँ पर रहे थे. और जब केदारनाथ हादसा हुआ था तो भी अपनी टोली के साथ वहां समाजसेवा में लग गए थे.
बिड़ला को संघ की भी पसंद माना जाता है. मोदी और शाह से भी ओम बिड़ला के सीधे संबंध हैं. गुजरात और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के भी नजदीकी माने जाते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा का काशी कहे जाने वाला राजस्थान के कोटा का परिवर्तन, जिसके योगदान से हुआ है वो नाम है श्री ओम बिड़ला जी.