139 बच्चों की मौत के बाद हाल जानने पहुंचे नीतीश, लगे मुर्दाबाद के नारे
बिहार के मुजफ्फरपुर में इन दिनों एक बीमारी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बच्चों पर कहर बनकर टूट पड़ी है. बीते 14 दिनों में एईएस से 139 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मगर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. इतनी मौतों के बाद आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी है. मुख्यमंत्री के न पहुंचने को लेकर लगातार विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे थे. आज जब नीतीश मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का दौरा करने पहुंचे तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने मुख्यमंत्री वापस जाओ और नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगाए. एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर भी उनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
दरअसल नीतीश दिल्ली गए हुए थे. सोमवार को ही वे पटना लौटे हैं. आज अस्पताल पहुँच कर आईसीयू में बच्चों को देखा और उनके परिजन से बात की. और डॉक्टर्स से इलाज की जानकारी भी ली. इस दौरान उन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि मस्तिष्क ज्वर के लिए कोई वायरस जिम्मेदार है, इसका पता लगाना होगा.
वहीं एक ख़बर और सामने आई है. जब नीतीश अस्पताल पहुंचे तो एसकेएमसीएच के बाहर पीड़ित बच्चों के परिजनों ने मुख्यमंत्री से मिलना चाहा मगर प्रशासन ने उन्हें नहीं मिलने दिया. जिसके बाद हंगामा हो गया. लोगों ने कहा कि हम अस्पताल की खराब स्थिति मुख्यमंत्री जी को बताना चाहते थे. लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें मिलने नहीं दिया.
बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा, एईएस के प्रकोप के कारण एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. अभी तक 200 बच्चों का इलाज करके उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. सोमवार को आपात बैठक में नीतीश ने एईएस और लू से निपटने के लिए मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच परिसर में 100 बेड का नया पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का फैसला किया है. साथ ही एईएस से जान गंवाने वाले बच्चों के परिजन को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का भी निर्णय लिया है.