राम मंदिर विवाद: मुस्लिम पक्षकार को पसंद नहीं आये सुनवाई करने वाले जज

राम मंदिर – राम मंदिर , आखिर कब हल होगा ये मुद्दा, मिल रही तारीख़ पे तारीख़

राम मंदिर का मामला दिन पर दिन बढ़ता चला जा रहा है. जब सुनवाई का समय आता है तो एक नई तारीख मिल जाती है. आज सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर पर सुनवाई थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली संवैधानिक पीठ के पांच सदस्यों को आज तारीख और समयसीमा का निर्धारण करना था. लेकिन सुनवाई से पहले ही पांच जजों की पीठ में शामिल जस्टिस यूयू ललित पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सवाल उठा दिए.

Muslim parties did not like Judge hearing Ram temple case
Muslim parties did not like Judge hearing Ram temple case
मुस्लिम पक्ष के वकील ने लगाए आरोप

राजीव ने कहा कि वह 1994 में कल्याण सिंह की पैरवी कर चुके हैं. ऐसे में उनके पीठ में रहते हुए निष्पक्ष फैसले की उम्मीद नहीं की जा सकती. इन्ही सब आरोपों को सुनकर जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस केस से अलग होने का फैसला कर लिया है. जस्टिस यूयू ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि अब मैं खुद को इस मामले से अलग करना चाहता हूं. इसी के साथ हिंदू महासभा के वकील ने भी दस्तावेजों के अनुवाद की जांच करने की मांग की है.

कोर्ट में कुल 13886 पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए और 257 संबंधित दस्तावेज और वीडियो टेप की नए सिरे से जांच होनी बाकी है. इसके अलावा हाईकोर्ट के फैसले के 4304 प्रिंटेड और 8533 टाईप किए पन्नों का भी अनुवाद 29 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिया गया हैं. 29 जनवरी को नई बेंच की गठन के बाद दस्तावेजों के अनुवाद की पुष्टि की जाएगी.

संत राम विलास वेदांती भड़के

तारीख आगे बढ़ने से नाराज़ पूर्व सांसद और राम मंदिर न्यास के संत राम विलास वेदांती ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बेंच में होने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि गोगोई पूर्व कांग्रेस सीएम के बेटे हैं और कांग्रेस नहीं चाहती कि मामले पर फैसला जल्द हो. जिस तरह से जस्टिस यूयू ललित पर आपत्ति उठाई गई, उसी तरह से तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी बेंच से अलग हो जाना चाहिए. रंजन गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के लड़के हैं. उन्हें भी मामले से अपना नाम वापस ले लेना चाहिए.

वेदांती ने कहा, 100 करोड़ हिंदुओं की मांग है कि मुख्य न्यायाधीश अपना नाम वापस लें और किसी अन्य जज को नियुक्त करें. सरकार पर तंज कस्ते हुए उन्होंने कहा की सरकार करे या न करे कुंभ के बाद बड़ा कदम उठायेंगे और होली से पहले ही मंदिर बनेगा. आपको बता दे की आज की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर हो रही थी.

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