मुलायम-अखिलेश ने बनाई नई रणनीति, परिवार की एकता का देंगे संदेश
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के अंदर समीक्षा जारी है. इस बीच अब ख़बर आ रही है कि पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने के लिए खुद मुलायम सिंह यादव ने कमान संभाली है.

वहीं दूसरी तरफ़ लगातार दो गठबंधनों के नाकाम प्रयोग और विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अपनी रणनीति में बदलाव करेंगे. जहां उन पर समाजवादी कुनबे को जोड़ने और बढ़ाने का दबाव है, वहीं जमीनी स्तर पर काम और चुनाव प्रबंधन पर भी खास जोर रहेगा.
मुलायम की क्या रणनीति होगी इस बारे अभी कुछ खुलकर सामने नहीं आया है. लेकिन कुछ सपा सूत्रों कर कहना है कि नेताजी सबसे पहले परिवार को एक करने की कोशिश में जुटे हैं. वे अनुभवी नेता हैं और इसका फायदा पार्टी को मिलेगा. शिवपाल यादव भी हाल ही में नेताजी से मिले थे. हालांकि ये नहीं पता की क्या बात हुई दोनों में लेकिन इतना जरूर है कि नेताजी पहले से ही शिवपाल को वापस पार्टी में शामिल करने के पक्ष में रहे हैं.
अखिलेश पहले उपचुनाव और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर रणनीति बना रहे हैं. उन पर कुछ नया करने का दबाव भी है. क्युकी अखिलेश के खाते में 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की खराब परफॉरमेंस भी जुड़ गई है.
इस समय अखिलेश यादव से जनता के साथ साथ उनके सपोटर्स और कार्यकर्ता भी नाराज़ चल रहे हैं. ऐसे में अखिलेश के लिए इन सबको मनाना भी एक बड़ी चुनौती होगी. मुलायम सिंह चाहते हैं कि पार्टी से छिटके समाजवादी नेताओं को फिर से साथ लाया जाए और परिवार की एका का संदेश भी जनता में जाए. इससे उम्मीद है कि सपा छोड़कर दूसरे दलों में गए कुछ नेताओं की पार्टी में जल्दी ही वापसी हो सकती है.
माना जा रहा है कि इस दौरान सभी पार्टी नेता जुटेंगे और आगे की रणनीति तय होगी. पार्टी सूत्र ने कहा कि ये संभव है कि जनता से सीधे जुड़ने के लिए जल्द ही अखिलेश यादव देश भर में यात्राएं करेंगे.