शिवपाल के मंच से अखिलेश को जिताने की अपील क्यों करते हैं मुलायम ?
शिवपाल (shivpal) और अखिलेश (akhilesh) की सभाओं में कार्यकर्ताओं ने मुलायम (mulayam) को महत्व देना बंद कर दिया है. मुलायम की उम्र हो चुकी है इसीलिए वो अपना भाषण चीन से शुरू करते हैं और क्या कहते हैं वो खुद ही भूल जाते हैं. मुलायम सिंह यादव शिवपाल और अखिलेश के लिए शक्ति पुंज बनकर रह गए हैं. दोनों खेमे मुलायम को अपने-अपने मंच पर लाकर पुराने समाजवादियों को बांधे रखना चाहते हैं.
अब पूरा किस्सा पढ़िये कि हुआ क्या था ?
शिवपाल की जन आक्रोश रैली का मंच था. मुलायम भाषण देने खड़े हुए. मुलायम समाजवादी पार्टी को जिताने और सपा की सरकार बनाने की अपील करने लगे. शिवपाल के मंच से मुलायम अनजाने में उम्र के तकाजे की वजह से अखिलेश को जिताने की अपील कर रहे थे. सामने बैठे कार्यकर्ता हल्ला मचा रहे थे.
शिवपाल के मंच पर मुलायम की नाराजगी फिर ये बोले
“आपके लिए हम कुछ हैं नहीं
हम आपके लिए कुछ होते
तो आप हमारी बात गंभीरता से सुनते
आप शोर मचा रहे हैं लेकिन कोई बात नहीं
हम खुश हैं हमारे भाषण को नहीं सुन रहे हैं
शिवपाल को मैं बधाई देता हूं. इतनी ही इच्छा है “
शिवपाल के मंच से अखिलेश को जिताने की अपील हो रही थी. शिवपाल भी नेता जी को दिशा देना चाहते थे. लिहाजा एक लिखी हुई पर्ची नेताजी के सामने लाई गई. नेताजी को समझाया गया कि समाजवादी नहीं प्रगतिशील पार्टी बोलिए. नेताजी ने खुद को सुधार कहा वही बात है.
शिवपाल के मंच पर अखिलेश को जिताने की अपील करते रहे मुलायम
शिवपाल यादव नेताजी के भाषण के दौरान उनके बगल में ही खड़े रहे. मुलायम ने कहा कि समाजावादी पार्टी को मजबूत करना है. शिवपाल फिर असहज हो गए. मुलायम को फिर पर्ची दिखा गई. मुलायम ने कहा मैं साफ कह रहा हूं कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी. यही पार्टी लड़ेगी और देश को मजबूत करेगी.
शिवपाल ने मुलायम का हाथ अपने सिर पर रख लिया, मुलायम बोले ये बहुत लड़े हैं
शिवपाल यादव ने हंसते हुए मुलायम सिंह यादव का हाथ अपने सिर पर रख लिया. समाजवादी पार्टी को जिताने की बात कहने वाले नेताजी का हाथ अपने ऊपर रखकर ये बताने की कोशिश की कि मुलायम उम्र की वजह से सपा का नाम ले रहे हैं बाकी आशीर्वाद मेरे साथ ही है.
मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को आशीर्वाद दिया और कहा ये बहुत पहले से लड़ रहे हैं इनको मजबूत करिए. प्रगतिशील पार्टी नाम इन्होंने रखा है. प्रगतिशील पार्टी ये है. वो समाजवादी पार्टी..
मुलायम को दूसरी बार दिया गया पर्चा तो हो गए नाराज
इसी बीच एक आंटी मुलायम सिंह यादव को एक पर्चा देने लगीं मुलायम सिंह यादव ने उनको झटक दिया “ये क्या कर रही हो बीच में आ-आ करके..छोड़िेए इसको हमें समझाने आते हैं आप”
मुलायम ने कहा मेरी बात सुन लो मेरे पास केवल 20 मिनट हैं फिर ये सुरक्षा गार्ड चला जाएगा फिर हम रह जाएंगे. इतना ही कहना चाहते हैं आपके हाथों में देश की बागडोर आने वाली है. ढोल नहीं बजाइये इसको गंभीरता से सुनिए. जनता की नजरों में अच्छे हो जाइये.
तो आप मुलायम सिंह बन जाएंगे..
मुलायम ने कहा कि लोगों के बीच जाइये इनकी मदद कीजिए. उनके सुख दुख में खड़े होइये. फिर आपकी तारीफ होने लगेगी. महिलाएं तारीफ करेंगी. सब तारीफ करेंगे तो आप भी मुलायम सिंह बन जाएंगे. जिसको मर्द औरत, बच्चे, मजिस्ट्रेट सब जानते हैं. किसी का नाम लेना चाहते हैं. तो मुलायम सिंह का नाम जानते हैं. लोगों ने मीटिंग की पता लगाया कि सबसे ज्यादा नाम किसका लिया जाता है. तो पता लगा कि मुलायम सिंह का नाम लिया जाता है.
मंच पर मुलायम का मजाक उड़ाने लगे हैं कार्यकर्ता फिर ये बोले मुलायम
”हमारा वैसे ही टाइम हो रहा है
नहीं सुनना चाहते अगर आप हम जा रहे हैं
नौजवानों समाजवादी पार्टी को मजबूत करो
ऐ क्या बात करते हो ये क्या बात है..
आपको नहीं सुनना क्या ?
सुनना क्यों नहीं चाहते भागिये यहां से
नहीं सुनना चाहते तो जाइये”
फिर मुलायम के मुंह से सपा का नाम
मजबूती से खड़े होइये. अगर सरकार चाहिए तो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को जिता देना समाजवादी पार्टी की सरकार बना देना.
तीसरी पर्ची दी गई जिसमें शिवपाल की पार्टी का नाम लिखा था
नेताजी मुलायम सिंह यादव को तीसरी बार एक और पर्ची दी गई. फिर इस पर्ची में लिखी बात को नेताजी ने पढ़ा जिसमें लिखा था कि शिवपाल यादव को जिता देना. शिवपाल को मजबूत करना है. मुलायम के इतना कहते ही पर्ची लेखक मंच पर उछल पड़े कि नेताजी ने उनका लिखा हुआ सही-सही पढ़ दिया है. उनके चेहरे पर ऐसी खुशी थी जैसी खुशी मंगल यान को कक्षा में प्रेक्षेपित करने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों को भी नहीं हुई थी.
मुलायम ने कहा कि कोई ना कोई नेता तो बनाना ही पड़ेगा. फिर अंत में मुलायम को सहारा देकर मंच से पोडियम के पास से उतारा गया है. फिर आयोजनकर्ताओं ने कोई कमी होने पर माफी मांगी.