Modi जी मुसलमानों को पद्मश्री नहीं देंगे ये खुशी की नहीं शर्म करने की बात है ।

भारत में सबसे बड़ा नागरिक सम्नान बांटा जाता है..ये सम्मान कर्नाटक ( Karnataka ) के एक मुस्लिम व्यक्ति बीदर के शाह रशीद अहमद कादरी को भी देने के लिए बुलाया जाता है..कादरी जब प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi ) से मिलते हैं तो कहते हैं..कि ‘मैंने सोचा मोदी जी मुसलमानों को नहीं देंगे पद्मश्री ( Padamshri ) , मेरा ख्याल गलत साबित हुआ…पूरा देश वाह वाह करने लगता है । क्या सच में ये वाह वाह करने वाली बात है ।

मोदी मुसलमानों को पद्मश्री नहीं देंगे ?

एक मुसलमान जो कैमरे पर अपने प्रधानमंत्री से खुलेआम कह रहा है कि मैंने सोचा था कि मोदी जी ( PM Modi ) मुसलमानों को पद्मश्री नहीं देंगे..आप जानते हैं..इसका मतलब क्या है..क्यों भारत देश के एक मुसलमान को अपने देश के प्रधानमंत्री ( PM Modi ) के मुंह पर ये कहने की जरूरत पड़ी की मुझे लगता था कि आप मुसलमानों को नहीं देंगे ।

कादरी साहब को क्यों लगता था कि मोदी जी मुसलमानों को पद्मश्री ( Padamshri ) नहीं देंगे..क्या देश में मुसलमानों को अलग चश्मे से देखा जाता है..जिस देश का संविधान हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सबको बराबर मानता है..उस देश का मुस्लिम विशिष्ट नागरिक..उस देश के प्रधानमंत्री से अपनी निराशा क्यों व्यक्त कर रहा है..वो क्यों कह रहा है कि उसे लगता था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनको पद्मश्री नहीं देगी..सब बड़े खुश हैं ।

कादरी जी को भाजपा पर शक क्यों ?

ये शब्द किसी लोकतंत्र में खुशी से नाचने के शब्द नहीं हो सकते..क्या किसी ने कादरी जी से पूछा क्यों आपको लगता था कि भाजपा सरकार आपको पद्मश्री नहीं देगी..सरकार तो किसी के साथ भेदभाव नहीं करती तो फिर कादरी साहब ने किस बदनियती से ये कहा कि उनको नहीं लगता था मोदी जी मुसलमानों को पद्श्री नहीं देंगे..समय नाचने का नहीं सोचने का है ।

खैर दोस्तों..नागरिक के तौर पर आपने समाज में आप विशिष्ट है । आपको लगता है कि आपको पद्मश्री ( Padamshri ) मिलना चाहिए तो आप अप्लाई कर सकते हैं..आप हिंदू हैं या मुसलमान इससे फर्क नहीं पड़ता..लेकिन कादरी साहब को क्यों लगता था कि मोदी जी मुसलमानों को नहीं देंगे..ये या तो कादरी साहब बेहतर बता सकते हैं..या फिर मोदी जी बेहतर बता सकते हैं..या फिर ये बात सुनकर..इसे मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक कहने वाला गोदी मीडिया बेहतर बता सकता है।

पद्मश्री के लिए ऐसे करते हैं एप्लाय

पद्मश्री के लिए अप्लाई करना कोई चुनाव का टिकट खरीदने जितना मुश्किल थोड़े हैं..वेबसाइट padmaawards.gov.in पर जाइये..एक फॉर्म भरिए..अपने सराहनीय कामों की डीटेल 800 शब्दों में दीजिए..सितंबर महीने के आसपास ये फार्म भरे जाते हैं.. 15 अगस्त पर घोषणा हो जाती है कि किनको किनको ये पुरस्कार मिलेगा..अब नियम में बदलाव भी हो चुके हैं..जिसमें व्यक्तिगत रूप से मंत्रालय..राज्य सरकारें या संस्थान किसी की सिफारिश भी कर सकती हैं..पद्मश्री ( Padamshri ) वाली कमेटी ये अप्लीकेशन भी स्वीकार करती है।

कर्नाटक चुनाव की क्रोनोलोग्य समझिए

चलिए अब सरकार तो बताएगी नहीं कि मुसलमान होकर भी कादरी साहब को पद्मश्री मिल गया..तो इसमें हैरानी का कारण क्या है..तो ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं है..क्रोनोलॉजी को समझिए..कादरी साहब रहने वाले कहां के हैं..कर्नाटक के..कर्नाटक में चुनाव कब हैं..इसी साल..कर्नाटक में बीजेपी की पोजीशन क्या है..खस्ता..कर्नाटक में बीजेपी का कोर वोट बैंक क्या है..लिंगायत..यानी अपरकास्ट..कर्नाटक में बीजेपी को क्या चाहिए..अपरकास्ट के अलावा भी दूसरी कम्युनिटी के वोट..तो कादिरी जी को तो नहीं लगता था..कि मोदी जी मुसलमानों को पद्मश्री( Padamshri ) देंगे..लेकिन मोदी जी को लगता है कि कर्नाटक के मुसलमान को देना चाहिए..बहुत सिंपल है । इसीलिए कादिरी जी का ख्याल गलत साबित हो गया..वर्ना प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता पर कभी किसी को कोई संदेह नहीं रहा है..कपड़ों से पहचान लेते हैं कि कौन पद्मश्री के काबिल या कौन काबिल नहीं है ।

हर आदमी को ये मालूम है कि कादरी जी को पद्मश्री ( Padamshri ) मिला है..कादिरी एक मुसलमान हैं..लेकिन यहां पर आप गलत हैं..कादिरी जी एक कलाकार हैं..जिन्होंने बिदरीवेयर कला के क्षेत्र में बहुत काम किया है..बिदरीवेयर नहीं जानते..ये..इस तरह के छेद छेद वाली कलाकारी बिदरीवेयर कही जाती है..कादरी साहब ने देश दुनिया में बहुत जगहों पर इसकी प्रदर्शनी लगाई..लोगों तक पुरखों की इस कला को पहुंचाया..इसलिए इस क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए इनको पद्मश्री से सम्मानित किया गया है ।